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अमेरिका: कोविड-19 के बढ़ते मामले 'ख़तरे की घण्टी’

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के क्षेत्रीय कार्यालय ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में कोविड-19 की दर बढ़ रही है, और पिछले चार हफ्तों में संक्रमण के नए मामले व मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (PAHO) से प्राप्त नवीनतम जानकारी के मुताबिक, पिछले सप्ताह 9 लाख 18 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए, जो कि पिछले सप्ताह की तुलना में 27.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं, और तीन हज़ार पाँच सौ से अधिक मौतें हुईं हैं. अठारह देशों में अस्पताल में भर्ती मरीज़ों की संख्या में वृद्धि देखी गई, जबकि 13 देशों और क्षेत्रों में गहन देखभाल के लिये दाखिले बढ़े. PAHO की निदेशक, डॉक्टर कैरिसा एटियेन ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “मामलों में वृद्धि को ‘ख़तरे की घण्टी’ समझकर जागना होगा. जब लोग बीमार होते हैं, अस्पताल अभिभूत हो जाते हैं, स्वास्थ्य प्रणालियों पर भार पड़ता है, और मौतों की संख्या बढ़ जाती है.” क्षेत्रीय आकलन कुल संक्रमणों में से आधे से अधिक उत्तरी अमेरिका में हैं. नए संक्रमणों के कारण पिछले सात हफ्तों से मामलों में बढ़ोत्तरी हुई, और 6 लाख 5 हज़ार से अधिक नए मामले दर्ज किए गए, यानि 33 प्रतिशत की वृद्धि. मामलों में सबसे बड़ी वृद्धि मध्य अमेरिका में हुई, जहाँ संक्रमण 80 प्रतिशत तक बढ़ गया, जबकि दक्षिण अमेरिका में, ब्राज़ील में, नौ प्रतिशत की वृद्धि के साथ, 1 लाख 20 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए. इस बीच, अर्जेंटीना ने लगभग 34 हज़ार मामले देखे, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 92 प्रतिशत अधिक है. अन्य उप-क्षेत्रीय देशों में भी वृद्धि देखी गई, जबकि वेनेज़ुएला, पराग्वे और ब्राज़ील में मौतों में वृद्धि दर्ज की गई. कैरेबियन में मामले लगातार पाँच हफ्तों से बढ़ रहे हैं. पिछले सप्ताह की तुलना में संक्रमण दर 9.3 प्रतिशत और मृत्यु दर 49 प्रतिशत बढ़ी है. चौदह देशों और क्षेत्रों से भी अस्पताल में भर्तियों की जानकारी मिली. डॉक्टर कैरिसा एटियेन ने सरकारों से इन आँकड़ों का जायजा लेने और कार्रवाई करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि यह वायरस अभी जल्दी जाने वाला नहीं है." © PAHO अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स के बुर्ज़ाको में स्वास्थ्यकर्मी. (फाइल फोटो). कोरोनावायरस के कम प्रसार की कुछ अवधि के बाद, कई राष्ट्रीय और स्थानीय प्राधिकरण, मास्क पहनने के जनादेश एवं शारीरिक दूरी की ज़रूरत को छोड़ते जा रहे हैं, व सीमाएँ फिर खुलने लगी हैं. लेकिन, अमेरिका में कई लोगों को जोखिम बरक़रार है. 51 PAHO देशों और क्षेत्रों में से केवल 14 अपनी आबादी के 70 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने के डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य तक पहुँच पाए हैं. जोखिम वाले और कमज़ोर समूहों के लिये टीकाकरण कवरेज में विसंगतियां अभी भी मौजूद हैं, जैसे कि बुज़ुर्ग, पहले से रोग-ग्रसित लोग, और स्वदेशी और एफ़्रो-वंशज समुदाय. डॉक्टर कैरिसा एटियेन ने रेखांकित किया कि मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना अभी भी वायरस के संचरण को कम करने के सबसे कारगर उपाय हैं. उन्होंने कहा, "सरकारों को कोविड-19 के रुझानों पर बारीक़ी से नज़र रखनी रखनी चाहिये, सबसे कमज़ोर तबके के लोगों की सुरक्षा के लिये उनके अनुकूल मार्गदर्शन उपलब्ध कराना चाहिये, और जब भी मामलों या मौतों में वृद्धि होती है, तो इन सामाजिक उपायों को बढ़ाने के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये." उन्होंने कहा कि टीके, मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपायों को अपनाकर, आमजन भी इसमें उचित भूमिका निभा सकते हैं. महामारी से सीख डॉक्टर कैरिसा एटियेन ने सिफ़ारिश की कि देशों को इस नई बीमारी के बीच रहने के पिछले दो वर्षों में सीखे गए सबक को नहीं भूलना चाहिये. परीक्षण में लगातार गिरावट के बीच उन्हें वायरस से ध्यान नहीं हटाना चाहिये. यहाँ तक कि उन जगहों पर जहाँ स्व-परीक्षण उपलब्ध हैं, स्वास्थ्य अधिकारियों को हमेशा परिणाम की जानकारी नहीं लग पाती. पीएएचओ प्रमुख ने सम्बन्धित बुनियादी ढाँचे को बनाए रखने और मज़बूत करने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "इस महामारी के परीक्षण और निगरानी, हमारी आँख और कान समान हैं और सरकारों को सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं." साथ ही, सरकारों को किसी भी नए विकास पर तुरन्त कार्रवाई करने और कोविड-19 से परे स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश करते रहना चाहिये. डॉक्टर कैरिसा एटियेन ने याद दिलाया कि जब एक साल पहले पहली बार कोविड-19 के टीके लगाए गए थे, तो चिन्ता थी - वैक्सीन समता और सबसे कमज़ोर तबके के टीकाकरण के लिये पर्याप्त खुराक सुनिश्चित करना. उन्होंने कहा, "2021 के दौरान आपूर्ति ही सबसे बड़ी बाधा थी. अब ऐसा नहीं है.हमारे पास सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण के लिये पर्याप्त ख़ुराकें हैं, और ऐसा करना हमारा दायित्व भी है." --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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