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पृथ्वी पर जीवन समुदाय के सह-निर्माण के लिये दुनिया के सभी देशों को साथ आने की जरूरत

बीजिंग, 21 मई (आईएएनएस)। 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस है। वर्तमान में दुनिया भर में प्रजातियों के विलुप्त होने की गति तेज बनी हुई है। जैव विविधता की हानि और पारिस्थितिकी तंत्र के क्षरण से मानव की उत्तरजीविता और विकास के सामने बड़ा जोखिम है। दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदया को एक संदेश भेजा है कि पृथ्वी एक गंभीर संकट में है। सभी देशों को उपयोगी कदम जल्द-से-जल्द से उठाना चाहिये। इस साल चीन के युन्नान प्रांत में संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता पर कन्वेंशन की पार्टियों का 15वां सम्मेलन (सीओपी-15) आयोजित होगा। इस बार के सम्मेलन का विषय पारिस्थितिक सभ्यता : पृथ्वी पर जीवन समुदाय का सह-निर्माण है। यह पहली बार है कि यूएन पारिस्थितिक सभ्यता के विषय पर वैश्विक सम्मेलन का आयोजन करेगा। जैव विविधता के गिरावट की प्रवृत्ति को उलट देने और मनुष्य व प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व पर वर्ष 2050 ²ष्टिकोण हासिल करने के लिए सीओपी-15 में सदस्य देश अगले 10 वर्ष में वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक खाका तैयार करेंगे। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वर्ष 2020 जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र के शिखर सम्मेलन में वीडियो के जरिये भाषण दिया कि महामारी के सामने लोगों ने मानव और प्रकृति के भाग्य समुदाय होने की समझ में आ चुका है। चीनी सरकार हरित, कम कार्बन व सतत विकास पर ध्यान देती है। चीन में हरित उद्योगों और संबंधित तकनीकी का तेजी से विकास कर रहा है। वर्ष 2000 से पूरी दुनिया में नये हरित क्षेत्रों की कुल क्षेत्रफल में चीन का अनुपात 25 प्रतिशत तक पहुंच गया है। चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान वनों का आवरण 17.5 अरब घनमीटर तक जा पहुंचा है। भविष्य में चीन मानव भाग्य समुदाय की अवधारणा का आगे पालन करेगा, अपनी जिम्मेदारी जारी रखेगा और वैश्विक जैव विविधता की रक्षा के लिये सक्रिय भूमिका निभाएगा। पृथ्वी पर जीवन समुदाय के सह-निर्माण के लिये सभी देशों को पारिस्थितिक सभ्यता, बहुपक्षवाद व हरित विकास को बनाए रखना और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना चाहिये। साथ ही उन्हें एक साथ व्यावहारिक कार्यों के जरिये वैश्विक जैव विविधता की रक्षा करनी चाहिये। जलवायु और जैव विविधता मुद्दों के प्रति भारतीय जलवायु विज्ञानी और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता राजेंद्र शेंडे ने कहा कि चीन द्वारा प्रस्तावित पारिस्थितिक सभ्यता अवधारणा और हरित विकास रणनीति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में लोकप्रिय और विश्वस्त हैं। सभी देशों को वैश्विक जैव विविधता को संयुक्त रूप से बढ़ाना चाहिये। इसीलिये वे एक जीवंत, स्वच्छ और सुंदर पृथ्वी का सह-निर्माण कर सकेंगे। (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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