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अफ़ग़ानिस्तान: जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये यूएन मानवीय राहत विमान सेवा

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत वायु सेवा ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न प्रान्तों में ज़रूरतमन्द लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने के लिये उड़ानें फिर शुरू की जाएँगी. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा संचालित इन उड़ानों से 160 राहत संगठनों के कामकाज को जारी रखने में मदद मिलेगी. 🎥A look back at WFP's work in Afghanistan over the past six decades. WFP is committed to stay the course in #Afghanistan as long as it is possible to deliver vital food assistance to the Afghan people at this time of greatest need. pic.twitter.com/KnnpAABXVm — World Food Programme (@WFP) August 18, 2021 यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को इस आशय की जानकारी दी है. बताया गया है कि विमान सेवा के ज़रिये फ़िलहाल इस्लामाबाद से मज़ार-ए-शरीफ़ और कन्दहार के बीच सम्पर्क स्थापित किया गया है. 29 अगस्त से अब तक मज़ार-ए-शरीफ़ के लिये तीन उड़ानें रवाना हो चुकी हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम के मुताबिक राहत अभियान का दायरा व स्तर जल्द से जल्द बढ़ाने के लिये हरसम्भव प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में विमानों के उतरने के लिये अन्य शहरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा, खाद्य सामग्री से इतर अन्य वस्तुओं, जैसे कि दवाएं व आपात राहत सामग्री को ‘कार्गो एयरब्रिज’ के ज़रिये उन इलाक़ों में पहुँचाने के लिये भी प्रयास किये जा रहे हैं जहाँ उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है. यूएन प्रवक्ता के मुताबिक मानवीय राहत घरेलू यात्री विमान सेवा के लिये एक करोड़ 80 लाख डॉलर और ‘कार्गो एयरब्रिज’ के लिये एक करोड़ 20 लाख डॉलर की आवश्यकता बताई गई है. यूएन प्रवक्ता के अनुसार समस्त मानवीय राहत समुदाय द्वारा इन दोनों सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकेगा. वर्ष 2002 से 2021 तक, यूएन की विमान सेवा के ज़रिये अफ़ग़ानिस्तान में 20 से ज़्यादा स्थानों पर सेवाएँ प्रदान की गई हैं. सुरक्षा हालात बेहतर होने और राहत कार्यों के लिये धनराशि की उपलब्धता की स्थिति में इन सभी जगहों पर फिर से सेवाएँ फिर शुरू करने के लिये प्रयास किये जाएँगे. यातना पर पूर्ण पाबन्दी की माँग इस बीच, मानवाधिकार मामलों पर संयुक्त राष्ट्र सन्धि की एक उपसमिति में विशेषज्ञों ने तालेबान के नए प्रशासन से राज्यसत्ता के अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा किये जाने का आग्रह किया है. उन्होंने ध्यान दिलाया है कि ‘यातना दिये जाने के विरुद्ध सन्धि’ के सभी प्रावधानों का हर हालात में अनुपालन किया जाना होगा. यातना दिये जाने की रोकथाम के लिये यूएन की उपसमिति ने इस सन्धि के सम्बन्धित प्रावधानों और उसके वैकल्पिक प्रोटोकॉल की ओर विशेष रूप से ध्यान आकृष्ट किया है. उपसमिति ने कहा कि सत्ता में बदलाव के साथ ही अफ़ग़ानिस्तान एक बेहद चुनौतीपूर्ण समय में प्रवेश कर रहा है और अपने वक्तव्य में आगाह किया कि हर समय और हर परिस्थितियों में यातना पर पूर्ण रूप से पाबन्दी जारी रखनी होगी. यूएन विशेषज्ञों के मुताबिक यातना या अन्य प्रकार के क्रूर, अमानवीय और गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला बर्ताव को, युद्धकाल, अन्दरूनी राजनैतिक अस्थिरता या सार्वजनिक आपात स्थिति, किसी भी हालात में सही नहीं ठहराया जा सकता. उपसमिति ने स्पष्ट किया है कि अफ़ग़ान प्रशासन को यातना और बुरे बर्ताव से हर किसी की रक्षा करनी होगी, फिर चाहे पीड़ित किसी भी जातीय पृष्ठभूमि, धार्मिक आस्था या राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध रखते हों. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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