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अफ़ग़ानिस्तान: महिलाओं को चेहरा ढंकने और घर पर रहने के तालेबानी आदेश पर चिन्ता

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) ने तालेबान प्रशासन की उस घोषणा पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है, जिसमें महिलाओं को आवश्यकता होने पर ही घर से बाहर निकलने और सार्वजनिक स्थलों पर अपना चेहरा ढंकने की बात कही गई है. महिलाओं को अपनी आँखें दिखाने की ही अनुमति होगी और सिर से पाँव तक बुर्क़ा पहनना होगा. यूएन मिशन को प्राप्त जानकारी के अनुसार, ताज़ा घोषणा को किसी अनुशन्सा के बजाय, एक औपचारिक आदेश के रूप में जारी किया गया है, जिसे सख़्ती से लागू किया जाएगा और उल्लंघन किये जाने पर महिलाओं के पुरुष सम्बन्धियों को दण्ड भुगतना होगा. यूएन मिशन ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह निर्णय, महिलाओं व लड़कियों समेत सभी अफ़ग़ान नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा और सम्मान किये जाने के सिलसिले में दिये गए आश्वासनों के विरोध में है. UNAMA is deeply concerned with today’s announcement by the Taliban that all women must cover their faces in public, should only leave their homes in cases of necessity, & that violations will lead to the punishment of their male relatives. Full statement: https://t.co/D7XEsmv1te pic.twitter.com/Iw35PbDju5 — UNAMA News (@UNAMAnews) May 7, 2022 ग़ौरतलब है कि तालेबान के प्रतिनिधियों ने पिछले एक दशक के दौरान, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ चर्चा के दौरान ये अधिकार सुनिश्चित किये जाने का भरोसा दिलाया था. अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालेबान का वर्चस्व स्थापित होने के बाद भी, तालेबान ने आश्वासन दिया था कि, कामकाज, शिक्षा और समाज में महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान किये जाएंगे. समाचार माध्यमों में कहा गया है कि तालेबानी घोषणा, वर्ष 1996 से 2001 के दौरान, तालेबानी शासन में लागू पाबन्दियोँ को ध्यान दिलाती हैं. मानवाधिकारों पर जोखिम इससे पहले, तालेबान ने पिछले वर्ष सितम्बर में माध्यमिक स्कूलों को फिर से खोले जाने की पुष्टि की थी, मगर कक्षाओं में केवल लड़कों की ही वापसी हो पाई है. देश भर में महिला शिक्षकों के लिये फिर से काम शुरू कर पाना सम्भव नहीं हो पाया है. छह सप्ताह पहले, तालेबान प्रशासन ने हाई स्कूल की पढ़ाई कर रही लड़कियों के लिये कक्षाओं में वापसी को स्थगित कर दिया था, जिसकी व्यापक स्तर पर निन्दा की गई थी. तालेबान के इस निर्णय से अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सम्पर्क व बातचीत के लिये जोखिम पैदा होने का ख़तरा है. यूएन मिशन ने इस निर्णय के प्रति ज़्यादा जानकारी प्राप्त करने के इरादे से तालेबान प्रशासन के एक बैठक का अनुरोध किया है. इसके समानान्तर, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य पक्षकारो के साथ इस आधिकारिक घोषणा के सम्भावित नतीजों पर चर्चा की जाएगी. तालेबान के सत्ता में आने के विरोध में, देशों द्वारा अफ़ग़ानिस्तान के लिये विकास सहायता में कटौती की गई है और बैंकिंग प्रणाली पर सख़्त पाबन्दी लगाई गई है. इससे अफ़ग़ानिस्तान आर्थिक बदहाली और दुनिया में सबसे बड़ा मानवीय संकट बनने की ओर बढ़ रहा है, और देश में सवा दो करोड़ से अधिक लोग भूख की मार झेल रहे हैं. सहायता प्रयास 30 अगस्त 2021 को, सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें तालेबान से उन सभी लोगों को सुरक्षित रास्ता देने का आग्रह किया गया है, जोकि देश छोड़ने के इच्छुक हैं. इसके बाद, जिनीवा में एक उच्चस्तरीय बैठक में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने अफ़ग़ान जनता के लिये मानवीय व विकास सहायता के इरादे से एक अरब 20 करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि का संकल्प लिया था. जनवरी 2022 में, संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों ने अफ़ग़ानिस्तान के लिये पाँच अरब डॉलर से अधिक रक़म की एक अपील जारी की, ताकि ध्वस्त हो रही बुनियादी सेवाओं को सहारा दिया जा सके. संयुक्त राष्ट्र ने निरन्तर देश में अपनी उपस्थिति बनाये रखने और आमजन के लिये जीवनरक्षक मानवीय सहायता जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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