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स्कूल जाने पर रोक लगने के बाद अफगान लड़कियों ने सिलाई सीखी

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। अफगानिस्तान में हाईस्कूल और विश्वविद्यालय की दर्जनों छात्राएं सिलाई और कॉस्मेटोलॉजी सीखने के लिए व्यावसायिक केंद्रों में जाने लगी हैं, क्योंकि देश पर तालिबान के कब्जे के बाद से लड़कियों के स्कूल और युवतियों/महिलाओं को कॉलेज या विश्वविद्यालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इन लड़कियों के मुताबिक, घर पर बैठना इनके लिए बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये कोई पेशा सीखने को तैयार रहती हैं। एक छात्रा समीरा शरीफी ने कहा, स्कूल और विश्वविद्यालय बंद हुए कुछ महीने हो गए हैं। हमें कोई पेशा या हुनर सीखना है, क्योंकि हम इस तरह घर पर बैठे नहीं रह सकते। एक छात्रा महनाज गुलामी ने कहा, मैं अपने परिवार की मदद करने के लिए अपने भविष्य के लिए एक पेशा सीखना चाहती हं, हम चाहते हैं कि हमारे स्कूल खोले जाएं, ताकि हम अपनी शिक्षा जारी रख सकें। व्यावसायिक केंद्रों में अधिकांश प्रशिक्षु हाईस्कूल और विश्वविद्यालयों के छात्र हैं। पूरे अफगानिस्तान में हाईस्कूल और विश्वविद्यालय बंद होने के बाद, हेरात महिला छात्रों ने प्रांत में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू कर दिया है। एक छात्र शाकिक गंजी ने कहा, हमने अपनी शिक्षा के साथ-साथ सिलाई सीखने का फैसला किया है। एक शिक्षिका लैली सोफिजादा ने कहा, हर महिला को अपने परिवार और अपने पति की मदद करने के लिए सिलाई सीखना आवश्यक है, विशेष रूप से इस खराब आर्थिक स्थिति में। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूलों और विश्वविद्यालयों के बंद होने से व्यावसायिक केंद्रों में छात्रों की संख्या हाल के वर्षो की तुलना में दोगुनी हो गई है। हेरात के श्रम और सामाजिक मामलों के विभाग में तकनीकी व व्यावसायिक मामलों की निदेशक फातिमा तोखी ने कहा, हमारी कक्षाओं में 20 से 25 छात्रों की क्षमता थी, लेकिन हमने इसे बढ़ाकर 45 छात्रों तक कर दिया, क्योंकि अधिकांश छात्रों ने अपनी आत्मा खो दी है, और उनके स्कूल और विश्वविद्यालय बंद हो गए हैं। हेरात के श्रम और सामाजिक मामलों के विभाग ने कहा कि विभाग हेरात की लड़कियों और महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण सीखने के अधिक अवसर देने के लिए काम कर रहा है। हेरात के श्रम और सामाजिक मामलों के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद सबित ने कहा, कला और पेशेवर क्षेत्र और किंडरगार्टन विभागों ने अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं, हम उनका समर्थन करते हैं और उनकी गतिविधियों की निगरानी करते हैं। पिछले दो महीनों के दौरान, राज्य और निजी संस्थानों में काम करने वाली अधिकांश महिलाओं और लड़कियों ने अपनी नौकरी खो दी है और वे हस्तशिल्प और व्यावसायिक प्रशिक्षण सीखने की कोशिश कर रही हैं। --आईएएनएस एसजीके

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