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शांति का वादा करने वाले तालिबान के 6 माह के शासन में अफगान नागरिकों ने उम्मीद खोई

नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। तालिबान ने अपने शासन के तहत शांति और समृद्धि के एक नए युग का वादा किया था, लेकिन छह महीने बाद, देश में कुछ ही लोग ऐसे हैं, जो अपने नए शासकों से संतुष्ट हैं। आरएफई/आरएल ने एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 लाख से अधिक अफगान नागरिक प्रतिशोध, उत्पीड़न और बिगड़ते मानवीय और आर्थिक संकट की वजह से देश छोड़कर भाग गए हैं। देश की 3.9 करोड़ आबादी में से लगभग 2.3 करोड़ लोग, यानी अधिकांश जनसंख्या भुखमरी का सामना कर रही है। 10 लाख से अधिक बच्चों के कुपोषण से मरने का खतरा है। आंतरिक लड़ाई खत्म होने के बावजूद 35 लाख अफगान आंतरिक रूप से विस्थापित हैं। स्थिति ने इस विचार पर विराम लगा दिया है कि अफगानिस्तान के आंशिक रूप से निष्क्रिय संविधान में निहित स्वतंत्रता और अधिकारों को तालिबान के तहत शामिल किया जाएगा। तालिबान की कार्यवाहक सरकार दुनियाभर में अभी भी गैर-मान्यता प्राप्त है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर्राष्ट्रीय सहायता और व्यापार में कमी के साथ कई अफगानों की आकांक्षाएं बेहतर जीवन की उम्मीद अब खो चुकी है। तालिबान के अधिग्रहण से पहले, अफगानिस्तान पहले से ही दुनिया के सबसे गरीब और सहायता पर निर्भर देशों में से एक था। आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी बलों की वापसी से पहले, कई विदेशी कंपनियों और सहायता एजेंसियों ने भी हाथ खींच लिए और तालिबान द्वारा अपने कट्टर इस्लामी अमीरात को बहाल करने के बाद सरकार को मिलने वाली विदेशी फंडिंग पूरी तरह से बंद कर दी गई। अंतर्राष्ट्रीय दानदाताओं ने तब से स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा को बहाल करने और खाद्य सहायता प्रदान करने के लिए नामित मानवीय सहायता में अरबों का वादा किया है, लेकिन जब उन वादों को पूरा करने की बात आती है तो महत्वपूर्ण बाधाएं भी सामने आ जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 97 प्रतिशत से अधिक अफगान गर्मियों से पहले गरीबी में घिर जाएंगे और अफगान अर्थव्यवस्था में भी गिरावट जारी रहेगी। देश का व्यापार नाटकीय रूप से सिकुड़ गया है, क्योंकि अफगान उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार नहीं मिल पा रहा है। इस हफ्ते, अफगान अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए नकदी की उम्मीद को भी बड़ा झटका लगा, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 7 अरब डॉलर के फ्रीज किए गए अफगान राष्ट्रीय बैंक भंडार को मानवीय सहायता के तौर पर विभाजित करने का फैसला किया। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत 7 अरब डॉलर में से 3.5 अरब डॉलर अफगान नागरिकों पर खर्च किए जाएंगे, बाकी आधा हिस्सा उन अमेरिकी नागरिकों को मिलेगा, जिनके अपने 9/11 हमले में मारे गए थे। तालिबान के सत्ता में आने के छह महीने बाद भी संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार प्रहरी देश में गंभीर दुर्व्यवहारों की रिपोर्ट करना जारी रखे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले महीने के अंत में सुरक्षा परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के सामने आने वाली समस्याओं का जिक्र किया था, जिसमें हत्या, लोगों को जबरन अगवा या गायब कर देना और अन्य उल्लंघन शामिल हैं। तालिबान की पाबंदियों और भेदभाव का खामियाजा अफगान महिलाओं को भुगतना पड़ा है। आरएफई/आरएल ने बताया कि अधिकांश अफगान किशोरियां अभी भी स्कूल लौटने की अनुमति की प्रतीक्षा कर रही हैं, जबकि महिलाओं ने नौकरी, व्यवसाय और पिछले दो दशकों में प्राप्त की गई विस्तारित सामाजिक भूमिकाओं को खो दिया है। --आईएएनएस एकेके/एसजीके

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