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चीन स्वच्छ जल, नीला आकाश, हरे-भरे पहाड़ अमूल्य संपत्ति हैं की विचारधारा का अनुसारी

बीजिंग, 8 जून (आईएएनएस)। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है, और इसे 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना 1972 के स्टॉकहोल्म सम्मलेन के बाद हुई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना है, और साथ ही उन्हें यह बताना है कि जैव विविधता के नुकसान को रोकने और प्रकृति को रक्षा करने में उनकी भी अहम भूमिका है। विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने से पहले हर साल के लिए एक थीम का चयन किया जाता है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली है। जंगलों को नया जीवन देकर, पेड़-पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से रिस्टोर कर सकते हैं। शायद आप जानते होंगे कि हर साल एक अलग देश विश्व पर्यावरण दिवस पर होने वाली गतिविधियों व कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। इससे मेजबान देश की पर्यावरण से संबंधित चुनौतियों व कठिनाइयों के बारे में भी पता चलता है, और उन्हें दूर करने के लिए सभी देश मिलकर प्रयास करते हैं। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की साझेदारी में पाकिस्तान ने की है। इसमें कोई संदेह नहीं कि साल 2021 में भी कोविड-19 के कारण पूरी दुनिया दुखी और परेशान नजर आ रही है। कोरोना महमारी पर लगाम कसने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया। दुनिया का शायद ही कोई ऐसा देश हो, जिसने लॉकडाउन का दौर ना देखा हो। इस कोरोना की वजह से लोगों की जिंदगी में अचानक से भूचाल आ गया। काम-धंधे ठप होने से लोगों में मानसिक और भावनात्मक तनाव भी देखने को मिला। लेकिन इस बीच साफ-सुथरा आसमान और हवा में बढ़ रहा ऑक्सीजन का स्तर सभी को राहत दे रहा है। पर्यावरण के लिए यह साल काफी अच्छा साबित हो रहा है। सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही, कारखानों का शोर सबकुछ बंद हो गया है, जिसके चलते हमारे आसपास न केवल वायु प्रदूषण में कमी आई है, बल्कि दुर्लभ जीव-जंतु भी देखने को मिले हैं। साथ ही इस कारण हमारी दिमागी और शारीरिक सेहत में भी काफी सुधार आया है। चीन में कार्बन उत्सर्जन में 25 प्रतिशत की कमी देखी गई है। हालांकि, पिछले 30 से अधिक सालों की लगातार कोशिशों के बाद चीन के पर्यावरण संरक्षण कार्य में भारी उपलब्धियां हासिल हुई हैं, जिसे दुनिया ने भी माना है। आर्थिक ढांचे के समन्वय और घरेलू मांगों के बढ़ने के साथ-साथ चीन ने पर्यावरण संरक्षण के काम पर भी जोर दिया है। संपूर्ण स्थिति पर नजर डालें तो देशभर में पर्यावरण के बिगड़ने की प्रवृत्ति पर काफी हद तक लगाम लगाई जा चुकी है। कुछ शहरों और क्षेत्रों में पर्यावरण की गुणवत्ता उन्नत हुई है, जिससे चीन के लगातार विकास की रणनीति को मूर्त रूप देने में योगदान दिया गया है। दरअसल, चीन स्वच्छ जल, नीला आकाश और हरे-भरे पहाड़ अमूल्य संपत्ति हैं की विचारधारा का अनुसरण करता है। इस विचारधारा के चलते चीन के पर्यावरण में बड़ा बदलाव हुआ है। पिछले साल राजधानी बीजिंग में पीएम 2.5 का औसत घनत्व वर्ष 2013 की तुलना में न्यूनतम स्तर तक चला गया, और देश के मुख्य शहरों में पीएम 2.5 का औसत घनत्व साल 2013 की तुलना में 43 प्रतिशत कम हुआ। इसके अलावा, चीन में वन आवरण लगबग 23 फीसदी तक उन्नत हुआ, जो नए चीन की स्थापना की शुरुआत में सिर्फ 8.6 प्रतिशत था। चीनी नेताओं का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण का देश के शक्तिशाली और समृद्ध होने से गहरा नाता है और वह देश की पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। अगर पर्यावरण संरक्षण का सार निकाला जाए तो वह उत्पादन शक्ति की रक्षा करना ही है। उनका नीले आसमान, स्वच्छ जल, साफ भूमि, हरे-भरे पहाड़ और ताजा हवा वाले सुंदर चीन के निर्माण करने का सपना है। बाकयदा, चीन में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बीते साल की देश की पर्यावरण गुणवत्ता संबंधी विज्ञप्ति जारी की जाती है। चीन ने पिछले कुछ सालों में प्रदूषण पर सफल नियंत्रण किया है। उसने गंभीर प्रदूषण फैलाने वाले 84 हजार छोटे कारखानों को बंद किया है। प्रमुख क्षेत्रों में प्रदूषण का निपटारा करने वाली परियोजनाओं में सरकार को चरणबद्ध उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। चीन में प्रदूषण के नियंत्रण और निपटारे तथा पारिस्थितिकी सरंक्षण को समान महत्व देने और पारिस्थितिकी संरक्षण और आर्थिक निर्माण को साथ-साथ चलाने की नीति लागू की है। वहीं, मौजूदा वन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पहाड़ों पर पेड़ों की कटाई पर रोक और पौधरोपण की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 51 लाख 86 हजार हैक्टर है। देश के 13 प्रांतों, स्वायत्त प्रदेशों और केंद्र शासित शहरों में प्राकृतिक वनों की कटाई पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। कहीं न कहीं, चीन के पूरे समाज में पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने, इस कार्य का समर्थन करने और संरक्षण कार्यवाही में भाग लेने का उत्साह बढ़ता जा रहा है। चीन सरकार समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण कार्यवाहियों में जन समुदाय की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश करती रही है। देश में पर्यावरण संरक्षण के बारे में रिपोर्ट देने के लिए 12,370 टेलीफोन लगाए गए हैं। पर्यावरण की सूचना सार्वजनिक करने में जोर पकड़ने के लिए क्रमश: 47 प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता की दैनिक रिपोर्ट और जानकारियों को सार्वजनिक करने की व्यवस्था की गई है। (लेखक : अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग में पत्रकार हैं) --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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