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एक नए विश्लेषण में, कृषि आधारित खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के, कार्बन पद चिन्ह उजागर

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) के नेतृत्व में कराए गए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, घरेलू उपभोग और अपशिष्ट व कूड़ा-कचरा फेंके जाने की पूरी प्रक्रिया, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों की शीर्ष सूची में धकेल रही है. ये रिपोर्ट ग्लासगो में चल रहे यूएन जलवायु सम्मेलन के मौक़े पर सोमवार को जारी की गई है. यूएन एजेंसी ने अपने विश्लेषण में कहा है कि कुछ देशों में तो खाद्य आपूर्ति श्रृंखला - कृषि आधारित खाद्य व्यवस्था से होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन मामले में, खेतीबाड़ी और भूमि प्रयोग को पीछे छोड़ने की स्थिति में पहुँच गई है. 🟢 The food supply chain is on course to overtake farming & land use as the largest contributor to greenhouse gases from the agri-food sector. @FAO presents new data base to track carbon emissions from agri- #FoodSystems around the world. 👉 https://t.co/9AVZ0Gc4n4 #COP26 pic.twitter.com/MYjKzgvbtB — FAO Newsroom (@FAOnews) November 8, 2021 इससे भी ज़्यादा, कृषि से इतर गतिविधियाँ और भूमि प्रयोग में बदलाव – कुछ क्षेत्रों में तो, इस समय कृषि आधारित खाद्य प्रणालियों से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की लगभग आधी मात्रा के लिये ज़िम्मेदार है. जबकि विकासशील देशों में, पिछले तीन दशकों में ये बढ़कर दो गुना हो गई है. महत्वपूर्ण रुझान खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो का कहना है कि 1990 के बाद से, हमारे विश्लेषणों में जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण रुझान उजागर हुआ है वो है – कृषि के लिये भूमि प्रयोग से इतर, खाद्य आधारित उत्सर्जन की बढ़ती भूमिका. उन्होंने कहा कि ये बढ़ोत्तरी, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में, खाद्य उत्पादन से पहले और उसके बाद के चरणों की प्रक्रियाओं में सभी स्तरों पर है, यानि वैश्विक, क्षेत्रीय और देशों के स्तर पर. सार्थक जागरूकता को प्रोत्साहन ये नया विश्लेषण, विस्तृत दायरे वाले आँकड़ों का प्रयोग करके, किसानों और सरकारी नियोजकों को, उनकी कार्रवाइयों की प्रासंगिकता और महत्ता, जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के परिप्रेक्ष्य मे समझने में मदद करता है. साथ ही, उपभोक्ताओं को भी, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के सन्दर्भ में बढ़ते कार्बन पदचिन्हों के बारे में भी बेहतर समझ विकसित करने में मदद करता है. सभी देशों और क्षेत्रों में, 1990 से 2019 के बीच की अवधि के लिये, कृषि आधारित खाद्य प्रणालियों के बारे में विस्तृत जानकारी, खाद्य और कृषि संगठन के ऑनलाइन पोर्टल FAOSTAT पर हासिल की जा सकती है. इन आँकड़ों में, अब हर वर्ष ताज़ा जानकारी सम्मिलित की जाती रहेगी. संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो का कहना है कि यूएन खाद्य और कृषि एजेंसी, सार्वजनिक वैश्विक भलाई के लिये ये विश्लेषण प्रस्तुत करने में प्रसन्नता महसूस कर रहा है, जिनमें हमारे दौर की विशालतम जलवायु चुनौती का सीधे रूप में और विस्तार से सामना करने के लिये आँकड़े पेश किये गए हैं. और अब ये सभी के लिये उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की जानकारी और सूचना, सार्थक जागरूकता फैलाने व सटीक कार्रवाई में मदद कर सकते हैं. नए आँकड़ों में पाया गया है कि मानवीय गतिविधियों के कारण होने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों की 31 प्रतिशत मात्रा, दुनिया भर की कृषि आधारित खाद्य प्रणालियों से उत्पन्न होती है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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