वर्ष 2030 तक एशिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत : एसएंडपी ग्लोबल

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। साल 2030 तक भारत में 7,300 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ जापान को पछाड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली, (हि.स.)। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। साल 2030 तक भारत में 7,300 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ जापान को पछाड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। वहीं, एशिया में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण ने अपने नवीनतम खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) में यह बात कही।

एसएंडपी ग्लोबल की मंगलवार को जारी नवीनतम पीएमआई के मुताबिक वर्ष 2021 एवं 2022 में दो वर्षों की तीव्र आर्थिक वृद्धि के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस वर्ष भी निरंतर वृद्धि दिखाना जारी रखा है। मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी 6.2-6.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। मौजदा वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही है।

एसएंडपी ग्लोबल ने कहा कि साल 2024 में लगातार तीव्र विस्तार का अनुमान है, जो घरेलू मांग में मजबूत वृद्धि पर आधारित है। अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में मापी गई भारत की वर्तमान कीमतों की जीडीपी साल 2022 में 3500 अरब डॉलर से बढ़कर साल 2030 तक 7300 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इसके परिणामस्वरूप 2030 तक भारत की जीडीपी का आकार जापान से अधिक हो जाएगा, जिससे भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

वर्तमान में अमेरिका 25,500 अरब डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके बाद चीन 18,000 अरब डॉलर के साथ दूसरी और जापान 4,200 अरब डॉलर के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं, भारतीय जीडीपी का आकार 2022 तक ब्रिटेन और फ्रांस की जीडीपी से भी बड़ा हो चुका था। 2030 तक भारत की जीडीपी जर्मनी से भी आगे निकलने का अनुमान है। जीडीपी किसी देश की अर्थव्यवस्था को मापने का मापदंड होता है।

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in