फीस के मामले में हाईकोर्ट ने स्कूलों से कहा- शिक्षा सचिव को प्रत्यावेदन दें
फीस के मामले में हाईकोर्ट ने स्कूलों से कहा- शिक्षा सचिव को प्रत्यावेदन दें

फीस के मामले में हाईकोर्ट ने स्कूलों से कहा- शिक्षा सचिव को प्रत्यावेदन दें

नैनीताल, 10 जून (हि.स.)। हाईकोर्ट ने कोरोना संकट काल मे सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से ली जा रही ट्यूशन फीस के अलावा अन्य क्रियाकलापों के लिये ली जाने वाली फीस के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए निजी विद्यालय के संचालकों को कहा है कि वे सचिव (शिक्षा) को प्रत्यावेदन दें। कोर्ट ने सचिव (शिक्षा) को कहा कि भारत सरकार का जो अनलॉक प्लान आया है, उसको ध्यान में रखते हुए निर्णय लें, जिससे कि स्कूलों व अभिभावकों के बीच सामंजस्य बना रहे। इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा है कि अभिभावकों के पक्ष में 12 मई को जो अंतरिम आदेश पारित किया गया था, वह यथावत रहेगा। जब तक कि कोई अंतिम निर्णय सरकार नहीं लेती। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून निवासी कुंवर जपिन्द्र सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना संकट काल के दौरान सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों की तरफ से अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य क्रियाकलापों के लिये फीस की मांग की जा रही थी। याचिका में कहा कि दो मई को शासन ने एक शासनादेश जारी कर निजी व अर्द्ध सरकारी विद्यालयों को ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी थी। इस शासनादेश को याचिकाकर्ता ने चुनौती देते हुए ऑन लाइन पढ़ाई को लेकर कहा था कि इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि कोई भी विद्यालय अभिभावकों को जबरन फीस के लिये बाध्य नहीं करेगा। साथ ही सरकार को निर्देश दिया था कि वो जिलेवार शिक्षा अधिकारियों को इस पूरे मामले में नोडल अधिकारी बनाये ताकि उनके जरिये अभिभावकों की समस्त शिकायतें दर्ज कराई जा सकें। इस आदेश के अनुपालन में सरकार ने शिक्षा अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित कर शिकायतों को सुना और जो स्कूल फीस को लेकर दवाब बना रहे थे उनको नोटिस जारी कर उचित कार्यवाही की। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मामले में दायर याचिका को निस्तारित करते हुए विद्यालय संचालकों को अपना प्रत्यावेदन सचिव (शिक्षा) के समक्ष रखने व एक सप्ताह के भीतर उस पर कार्यवाही करने को कहा। हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी-hindusthansamachar.in

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