गुनाः 75 दिन बाद हुआ भक्त और भगवान का मिलन, आराध्य के दर्शन कर कृतार्थ हुए श्रद्धालु
गुनाः 75 दिन बाद हुआ भक्त और भगवान का मिलन, आराध्य के दर्शन कर कृतार्थ हुए श्रद्धालु

गुनाः 75 दिन बाद हुआ भक्त और भगवान का मिलन, आराध्य के दर्शन कर कृतार्थ हुए श्रद्धालु

गुना, 08 जून (हि.स.)। कोरोना वायरस के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद था, लेकिन लॉक डाउन में ढील मिलने के बाद सोमवार से मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थल कुछ नियम-शर्तों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके साथ ही भगवान के घर मंदिर में भक्त और भगवान का मिलन हुआ। पूरे 75 दिन बाद मंदिर में अपने आराध्य के दर्शन कर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। कुछ श्रद्धालुओं तो इतना ज्यादा भावुक हुए कि दर्शन के दौरान उनकी आँखों से अश्रु धारा बह निकली। इस दौरान वह एक ही रट् लगाए थे कि प्रभु हमसे ऐसा कौन सा पाप हुआ है। जिसकी यह सजा उन्हे मिली है। मंदिर के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालु पहुँचे और कोरोना मुक्ति के लिए प्रार्थना की। कोरोना वायरस के कहर के चलते लगे लॉक डाउन के कारण जहां आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां प्रभावित हो रहीं है, वहीं मंदिर सहित धार्मिक स्थलों में भी श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहा है। इस दौरान सिर्फ मंदिर में पुजारी द्वारा पूजा अर्चना के लिए पट खुले है और इसके बाद बंद कर दिए जाते थे। यह सिलसिला पूरे 75 दिन तक चला है। इसके चलते भक्त भगवान के दर्शन कर उनका पूजन अर्चन नहीं कर पाए और उन्हे घर में ही पूजन अर्चन करने मजबूर होना पड़ा। यहां तक की इस बीच नवदुर्गा महोत्सव और श्रीरामनवमी जयंती सहित अन्य पर्व तक श्रद्धालुओं को घर में मनाना पड़ गए। जिन मंदिरों पर श्रद्धालुओं का सामान्य दिनंों में तांता लगा रहता था, वह सूने पड़े रहे। अब सोमवार से मंदिर खुलने के बाद यहां फिर से रौनक लौट आई है। जोड़े हाथ, लगाया जयकारा मंदिर में सोमवार को अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुँचना शुरु हो गया था। इनमें महिलाओं और पुरुषों की संख्या अधिक रही। प्रशासन के निर्देशों के अनुक्रम में बुजुर्ग और बच्चे मंदिरों में देखने को नहीं मिले। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के बाहर और अंदर सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने गोल घेर बने देखने को मिले। जिनमें खड़े होकर उन्होने भगवान के दर्शन किए। इसके साथ ही मंदिर के पुजारी प्रवेश द्वार पर ही भक्तों को सेनेटाइज कर रहे थे। कुछ मंदिरों में यह कार्य वॉलेंटियर कर रहे थे। इसके बाद मंदिर में पहुँचकर श्रद्धालुओं ने हाथ जोड़े, ठोंक लगाते हुए जोर का जयकारा लगाया। मंदिर की घंटी श्रद्धालु नहीं बजा सके तो अगरबत्ती जलाने के साथ ही फूल एवं अन्य पूजन सामग्री भी श्रद्धालु अपने आराध्य को अर्पित नहीं कर पाए। मास्क पहने दिखे श्रद्धालु, सेनेटाइजेशन भी चलता रहा मंदिरों में श्रद्धालु मास्क पहने हुए देखने को मिले। जो श्रद्धालु मास्क नहीं पहने थे, उन्हे प्रवेश नहीं दिया गया। इसके साथ ही बीच-बीच में सेनेटाइजेशन का कार्य भी चलता रहा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं को भगवान की प्रतिमा छूने तक की इजाजत नही थी। मंदिरों में प्रवेश द्वार पर हैंड हाईजीन के लिए सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था रही। वैसे पहले दिन सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या कम ही देखने को मिली। टेकरी सरकार के दर्शन कर भाव-विभोर हुए श्रद्धालु लॉक डाउन में प्रसिद्ध सिद्ध स्थल हनुमान टेकरी पर भी श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित था। इसके मद्देनजर 75 दिनों तक यहां सूनापन पसरा रहा, जबकि सामान्य दिनों में यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते थे। नए साल एवं हनुमान जयंती पर यह संख्या काफी अधिक होती थी और मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती थी। मंदिर में प्रवेश वर्जित रहने से श्रद्धालु काफी व्यथित थे। सोमवार को जब मंदिर खुले तो टेकरी सरकार के दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस दौरान व्यवस्थाएं बनाने के लिए यहां पुलिसकर्मी सहित वॉलेंटियर मौजूद रहें। यह वॉलेंटियर मंदिर के अंदर और बाहर दोनों जगह मौजूद रहे। मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को बारी-बारी से प्रवेश दिया गया। इसके साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करने गोले बनाए गए है। जिनमें खड़े होकर ही श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। अब मिल जाएगी कोरोना से मुक्ति मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश से प्रतिबंद हटने के बाद श्रद्धालुओं का मानना है कि अब कोरोना वायरस से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी। श्रद्धालुओं का मानना है कि भलें ही मंदिरों में भीड़ के चलते कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के डर से सरकार ने यहां उनका प्रवेश वर्जित करा हो, किन्तु अब जब मंदिर खुल गए है तो उनकी प्रार्थना, दर्शन और पूजन अर्चन से प्रसन्न होकर भगवान कोरोना दैत्य का संहार अवश्य करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक-hindusthansamachar.in

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