पुलिस की जांच में खुलासा- PFI सदस्य अकबर पाशा के इशारे पर दी गई थी गडकरी को धमकी

जेल में बंद जयेश पुजारी उर्फ शाकिर ने इसी साल 14 जनवरी और 21 मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित जनसंपर्क कार्यालय में फोन कर 100 करोड़ रुपये और 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
पुलिस की जांच में खुलासा- PFI सदस्य अकबर पाशा के इशारे पर दी गई थी गडकरी को धमकी

नागपुर, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को धमकी दिए जाने के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि बेलगाम जेल में बंद पीएफआई के सदस्य अकबर पाशा के कहने पर जयेश कांता उर्फ शाकिर ने गडकरी के कार्यालय में धमकी भरा फोन किया था।

दो बार फोन कर दी थी धमकी

बेलगाम जेल में बंद जयेश पुजारी उर्फ शाकिर ने इसी साल 14 जनवरी और 21 मार्च को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नागपुर स्थित जनसंपर्क कार्यालय में फोन किया था। उसने पहली बार 100 करोड़ रुपये और दूसरी बार 10 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी और न देने पर नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी दी थी। नागपुर पुलिस के मुताबिक अकबर पाशा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सदस्य है। इसलिए नागपुर पुलिस बेलगाम जेल में बंद कैप्टन नसीर, फहाद कोया, राशिद मालाबारी और अन्य आतंकी साथियों के साथ अकबर पाशा से पूछताछ करेगी। इस जांच के सिलसिले में नागपुर पुलिस फिर एक बार बेलगांव जाएगी। बेलगाम जेल में बंद जयेश पुजारी एक नहीं, बल्कि कई प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा है। वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कई लोगों के संपर्क में था। बेलगाम जेल में आने से पहले भी उसके संपर्क विध्वंसक गतिविधियों में सक्रिय लोगों से थे।

शाकिर आतंकी संगठनों के संपर्क में था

नागपुर के पुलिस आयुक्त ने बताया कि बेलगाम जेल से भी शाकिर आतंकी संगठनों के संपर्क में था। बतौर पुलिस आयुक्त जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि जयेश उर्फ शाकिर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, लश्कर-ए-तैयबा और दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों के नियमित संपर्क में था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि इस पूरे मामले के तार विदेशों तक फैले हैं। इसीलिए नागपुर पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ मामले की जांच कर रही है।

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