मनोरंजन
टूटे दिल से बिखरी जिंदगी को संभलना सिखाती है रतना और अश्विन की ये कहानी
धीरे धीरे लोगों में फिल्मों का स्वाद बदल रहा है। अब दर्शकों को पर्दे पर हीरोगिरी कम और रियलटी ज्यादा पसंद आने लगी है। इसी लिए ओवर एक्टिंग और फिजूल के एक्शन से भरपूर फिल्में औंधे मुँह गिर रही है और सब्जेक्टिव मूवी को ज्यादा पसंद किया जा रहा है। क्लिक »-www.prabhasakshi.com