एक्ट्रेस नहीं पत्रकार बनना चाहती थीं सुरेखा सीकरी, 'दादीसा' बन जीत लिया था दर्शकों का दिल

नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी को पर्दे पर उनके कई यादगार, शक्तिशाली किरदारों के लिए जाना जाता था।
एक्ट्रेस नहीं पत्रकार बनना चाहती थीं सुरेखा सीकरी, 'दादीसा' बन जीत लिया था दर्शकों का दिल

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी ने बालिका वधु की 'दादीसा' बन दर्शकों का दिल जीत लिया था। बॉलीवुड से लेकर छोटे पर्दे तक अपने अभिनय की शानदार छाप छोड़ने वालीं सुरेखा सीकरी का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 9 अप्रैल 1945 को नई दिल्ली में हुआ था। भले ही आज वह हमारें बीच नहीं हैं पर अपनी दमदार एक्टिंग के जरिए आज भी वह जींदा हैं। आज सुरेखा सीकरी के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

लुक्स को लेकर परेशान थीं सुरेखा सीकरी

सुरेखा सीकरी अपने लुक्स को लेकर काफी परेशान रहती थीं। देखने में सुरेखा सीकरी ज्यादा सुंदर नहीं थीं पर हर बार अपनी एक्टिंग से अपना लौहा मनवाती थीं। जब उनकी एक्टिंग ने लोगों को उनका दीवाना बना दिया तब उन्होंने लुक्स की परवाह करना छोड़ दिया ।

एक्ट्रेस नहीं पत्रकार बनना चाहती थीं सुरेखा

बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी सुरेखा लेखक या फिर पत्रकार बनना चाहती थीं। लेकिन वो कहते हैं ना जरूरी नहीं की जो हम चाहें वही हो खुदा को कुछ और ही मंजूर था। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान अब्राहम अलकाजी साहब का नाटक हुआ था। उनकी बहन इससे प्रभावित हुईं और उन्होंने उनके लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का फॉर्म मंगा लिया, लेकिन वह फॉर्म ऐसे ही पड़ा रहा। मां के कहने पर भी सुरेखा ने वो फॉर्म नहीं भरा पर बाद नें मां के जिद पर वो मान गईं।

नेशनल अवॉर्ड विनिंग थीं सुरेखा

सुरेखा की फिल्मों में एक्टिंग की हर जगह तारीफ होती थी। दमदार अभिनय के लिए उन्हें कईं अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया। साल 1988 में आई फिल्म तमस, 1995 में मम्मो और 2018 की उनकी फिल्म बधाई हो के लिए सुरेखा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का तीन बार नेशनल अवॉर्ड भी मिला था। 

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