नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' की इन दिनों खूब चर्चा है। सीरीज़ की खूबसूरती से लोगों की आंखें हट नहीं रही हैं, जिन्हें कहानी से शिकायत भी है वो भी सीरीज़ के सेट की तारीफ करते नहीं थक रहे। भंसाली अपनी फिल्मों के लार्जर दैन लाइफ सेट्स के लिए जाने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं नैशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर ने इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमाने के लिए कितना संघर्ष किया है ? संजय लीला भंसाली की अपनी एक अलग ही कहानी है।
कैसे रहे गरीबी के दिन
संजय लीला भंसाली एक गुजराती जैन परिवार से हैं। उनकी एक बहन हैं जिनका नाम बेला सहगल है, वह भी एक फिल्म डायरेक्टर हैं। इतना ही नहीं संजय लीला भंसाली ने एक इंटरव्यू में अपनी गरीबी और दुख भरे दिनों की कहानी के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि कैसे वह एक चॉल के छोटे से कमरे में शराबी पिता के साथ रहते थे और कैसे उनकी मां उनका सहारा बनी।
मां की साड़ी में लगाते थे फॉल
एक इंटरव्यू के दौरान संजय लीला भंसाली ने यह बताया था कि उनके परिवार की हालत बहुत खराब हुआ करती थी। पिताजी शराब पीते थे और हमेशा ही नशे में रहते थे, ऐसे में उनकी मां को काम के लिए जाना पड़ता था। भंसाली ने यह भी बताया है कि, वह अपनी मां के काफी नजदीक हैं, वह काम करने के लिए साड़ियां लेकर आते थे और फिर मां बेटे मिलकर उन साड़ियों में फॉल लगाते थे।
छोटे से कमरे में गुजरे दिन
संजय लीला भंसाली का जीवन संघर्ष भरा रहा है वह साड़ियों में फॉल लगाकर जो पैसे कमाते थे उनसे घर का गुजारा हो जाता था। इसके अलावा भंसाली ने बताया है कि, वह चॉल के एक छोटे से कमरे में रहते थे वहां बेहद तंगी हुआ करती थी।
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