नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। संजय सिंह 1996-बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं उन्होंने अब समय से पहले ही रिटायरमेंट लेने का फैसला किया है। संजय वो अधिकारी हैं जिन्होंने ड्रग्स-ऑन-क्रूज़ मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और पांच अन्य के खिलाफ "पर्याप्त सबूतों की कमी" का पाए जाने के कारण उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
भारतीय पुलिस सेवा के 1996-बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी संजय सिंह वर्तमान में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वो दो ड्रग्स मामलों की जांच के दौरान कथित अनियमितताओं के आरोप में एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ भी जांच कर रहे थे। संजय ने इसी साल 29 फरवरी को किया था जिसे राज सरकार ने 16 अप्रैल को मंजूरी दे दी हैं। उनका वीआरएस 30 अप्रैल से प्रभावी है। उन्हें जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त होना था। उन्होंने एक इंटरवयू में बताया कि उनका ''ये करियर काफी अच्छा रहा 'मैं 30 अप्रैल तक काम करता रहूंगा।''
संजय सिंह का ने कई ड्रग्स केस को संभाला है। उन्होंने कई मामलों की जांच की है वहीं, संजय सिंह ने आर्यन खान मामले की जाच के दौरान अपनी टीम की जांच की निगरानी के लिए मुबई के कई दौरे किए और सभी बयानों की जांच की, जिसके बाद एनसीबी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने निष्कर्ष निकाला कि आर्यन पर आरोप लगाने के लिए कोई सबूत नहीं है। संजय सिंह की जाच को एनसीबी के महानिदेशक एसएन प्रधान का पूरा समर्थन प्राप्त था।
जांच के बाद केंद्र सरकार ने एनसीबी के पूर्व जोनल निर्देशक समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई और आर्यन खान सहित छह लोगों के खिलाफ इम्स के आरोप हटाने की सिफारिश की थी।आर्यन खान के साथ उसके चार अन्य दोस्त भी क्रूज पर थे और उन्हें पकड़ लिया गया। आर्यन के साथ साथ बाकी उनके दोस्तों के पास से भी कुछ बरामद नहीं हुआ था। कई तक चली जांच के बाद संजय सिंह ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
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