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मलयालम फिल्मों का बोलबाला, इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में धड़ाधड़ बना रही अपनी जगह

तिरुवनंतपुरम, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। मलयालम फिल्में हमेशा से अदूर गोपालकृष्णन जैसे फिल्म निमार्ताओं के बेहतरीन कामों के जरिए वाहवाही लूटती आई हैं। विदेशी दर्शकों ने भी मलयालम फिल्मों को काफी सराहा है। अदूर गोपालकृष्णन मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सबसे प्रसिद्ध चेहरों में से एक थे। वह इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। सिनेमाटोग्राफर से फिल्ममेकर बने शाजी एन. करुण, एक और ऐसा नाम है, जिन्होंने अपनी प्रेरणादायक फिल्मों के जरिए इंटरनेशनल फिल्म सर्किट में सम्मान प्राप्त किया। दिवंगत निर्देशकों अरविंदन और पवित्रन ने भी दुनिया में मलयालम फिल्मों का झंडा बुलंद किया था। हालांकि, मलयालम निर्देशकों की एक नई पीढ़ी सामने आई है, जिन्हें इंटरनेशनलआर्ट सर्किट के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी काफी पसंद किया जा रहा है। लिजो जोस पल्लीसेरी एक ऐसा नाम है जिसने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिल्म समारोहों में से एक, कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म जल्लीकट्टू और चुरुली के जरिए धूम मचायी। लिजो जोस ने आईएएनएस से कहा, फिल्मों में मुख्य रूप से मानवता होनी चाहिए। मेरी फिल्म की कहानी समाज पर गुजर रही पीड़ा पर आधारित होती है। अपनी फिल्म से मैं समाज को जागरुक करने की कोशिश करता है। फिल्म में प्रत्येक किरदार इस तरह चुना जाता है, जिससे दर्शक आसानी से जुड़ाव महसूस कर सकें। लिजो की अन्य फिल्में जैसे ई मां यू और अंगमाली डायरीज भी सुपरहिट रही। इनके अलावा, फिल्म नानपाकल नेरथु मयक्कम को भी कान्स में जगह मिली। एक्टर, राइटर और डायरेक्टर श्रीनिवासन के बेटे विनीत श्रीनिवासन द्वारा निर्देशित फिल्म हृदय भी शानदार मूवी रही। फिल्म में मोहनलाल के बेटे प्रणव मोहनलाल और निर्देशक प्रियदर्शन की बेटी कल्याणी प्रियदर्शन ने अहम भूमिका निभाई। --आईएएनएस पीके/एएनएम

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