जानिए कैसा था Gulshan Kumar का जूस की दुकान से कैसेट किंग तक का सफर?

गुलशन कुमार का सफर बहुत अनोखा और कठिन रहा है, पहले जूस की दुकान में करते थे काम। फिर बने कैसेट किंग और फिरौती न मिलने पर मुंबई में जीत नगर मंदिर के सामने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
Gulshan Kumar
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। गुलशन कुमार जूस की दुकान में काम करने के साथ-साथ अपना गाना भी रिकॉर्ड किया करते थे और उन गानों की कैसेट बनाकर मात्र 7 रूपए में बेचा करते थे। हालांकि उनका समय तब बदला जब उन्होंने दिल्ली छोड़कर मुंबई जाने प्लान किया। मुंबई आने के बाद तो गुलशन के करियर में चार चाँद लग गए। हर तरफ उनका ही नाम हो रहा था लेकिन फिर अगस्त महीने के साल 1997 में गुलशन कुमार की अंधेरी इलाके में उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब वो मंदिर से घर लौट रहे थे।

गुलशन कुमार का सफर

गुलशन का जन्म दिल्ली में 5 मई 1951 को हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रभान था, उस वक़्त उनकी दिल्ली के दरियागंज में जूस की दुकान हुआ करती थी। कुछ समय बाद गुलशन ने भी दुकान में पिता का हाथ बंटाना शुरू किया। जिसके बाद पिता ने एक दूसरी दूकान ली जिसमें गुलशन अपने गाने रिकॉर्ड किया करते थे और उन गानों की कैसेट बनाकर मात्र 7 रुपए में बेचा करते थे। म्यूजिक में गुलशन अच्छा प्रोग्रेस कर रहे थे जिसके बाद उन्होंने दिल्ली छोड़कर मुंबई शिफ्ट करने का प्लान किया। मुंबई आने के बाद तो गुलशन के करियर में चार चाँद लग गए उन्हें पहला ब्रेक फिल्म क़यामत से क़यामत तक से मिला इस फिल्म के आने के बाद Tseries के 80 लाख कैसेट बिके।

मुंबई में चमक गई थी गुलशन कुमार किस्मत

गुलशन कुमार के गाने काफी हिट हो रहे थे और उनकी कैसेट भी काफी बिकने लगी थी। उसके बाद आयी फिल्म आशिकी इस फिल्म से तो Tseries सक्सेस की बुलंदियों को छूने लगी थी और तब से ही गुलशन कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो गए। उस वक़्त Tseries को मार्किट में कोई कंपनी टक्कर नहीं दे पा रही थी। फिर साल 1997 में जब गुलशन कुमार ने सारेगामापा को भी पछाड़ दिया था तभी वो अंडरवर्ल्ड के शिकंजे में आ गए और इसी साल उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।

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