Amrish Puri Birthday Special: लोगों के दिलों पर राज करने वाले खलनायक, जिन्हें लोगों से मिला भरपूर प्यार

Amrish Puri:अमरीश पुरी का जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला निहाल सिंह और मां का नाम वेद कौर था।
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नई दिल्ली, हिन्दुस्थान समाचार। अमरीश पुरी का असल नाम अमरीश लाल पुरी था। वह मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाओं के लिए जाने जाते रहे हैं। उनकी सबसे यादगार भूमिकाएं फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ (1987) में मोगैम्बो और हॉलीवुड फिल्म इंडियाना जोन्स एंड द टेंपल ऑफ डूम (1984) में मोला राम हैं। उन्होंने चरित्र भूमिकाएं निभाईं और एक खलनायक के रूप में प्रसिद्ध हुए।

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पंजाब से की थी शुरुआती पढ़ाई

अमरीश पुरी का जन्म 22 जून, 1932 को पंजाब में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला निहाल सिंह और मां का नाम वेद कौर था। उनके चार भाई-बहन थे। चमन पुरी, मदन पुरी और बड़ी बहन चंद्रकांता और उनके छोटे भाई हरीश पुरी। अमरीश पुरी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पंजाब से की। उसके बाद वह शिमला चले गए। शिमला के बीएम कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पर्दे की दुनिया में कदम रखा। उन्हें रंगमंच से बहुत लगाव था।

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प्रधानमंत्री भी देखा करते थे उनके नाटक

एक समय ऐसा था जब स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और स्व. इंदिरा गांधी जैसी हस्तियां उनके नाटकों को देखा करती थीं। पद्म विभूषण रंगकर्मी अब्राहम अल्काजी से 1961 में हुई ऐतिहासिक मुलाकात ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और वे बाद में भारतीय रंगमंच के मशहूर कलाकार बन गए।

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रंगमंच की दुनिया से की थी कैरियर की शुरुआत

1960 के दशक का वह दौर था जब अमरीश पुरी ने रंगमंच की दुनिया से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उन्होंने सत्यदेव दुबे और गिरीश कर्नाड के लिखे नाटकों में अभिनय किया। रंगमंच पर शानदार प्रदर्शन के कारण उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी की तरफ से पुरस्कार दिया गया। यह उनके अभिनय कॅरियर का पहला बड़ा पुरस्कार था।

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प्रेम पुजारी से की थी फिल्मी सफर की शुरुआत

अब बारी थी सुनहरे पर्दे की, जहां फिल्मी दुनिया अमरीश पुरी का इंतजार कर रही थी। उन्होंने फ़िल्मी करियर शुरुआत साल 1971 में ‘प्रेम पुजारी’ से की। पुरी को हिंदी सिनेमा में टिके रहने के लिए थोड़ा स्ट्रगल करना पड़ा, लेकिन फिर कामयाबी उनके कदम चूमती गयी। 1980 के दशक में उन्होंने बतौर खलनायक कई बड़ी फिल्मों में यादगार अभिनय से लोगों के दिलों में जगह बना ली। वह 1987 में शेखर कपूर की फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में मोगैंबो ने दमदार भूमिका निभाकर लोगों के जेहन में छा गए। 1990 के दशक में उन्होंने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘घायल’ और ‘विरासत’ में अपनी सकारात्मक भूमिका के जरिए सभी का दिल जीता।

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2005 में निधन के बाद किसना हुई थी रिलीज

उनकी अंतिम फिल्म ‘किसना’ थी, जो उनके निधन के बाद वर्ष 2005 में रिलीज हुई। उन्होंने कई विदेशी फिल्मों में भी काम किया। इंटरनेशनल फिल्म ‘गांधी’ में ‘खान’ की भूमिका के लिए उनकी तारीफ हुई थी। अमरीश पुरी का निधन 12 जनवरी, 2005 को 72 वर्ष के उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से हो गया। उनके निधन की खबर से बॉलवुड जगत के साथ-साथ पूरा देश शोक में डूब गया था। आज अमरीश पुरी इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके अभिनय की छाप आज भी हमारे दिल में बसी हुई है।

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