अभिनेता पांडियन ने तमिल फिल्म के नायकों की वेतन के रूप में अत्यधिक रकम लेने की निंदा की
चेन्नई, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। जब निर्देशक भारतीराजा जैसे लोग फिल्में बना रहे हैं, तो जाने-माने निर्माता और अभिनेता अरुण पांडियन ने तमिल फिल्म के नायकों की वेतन के रूप में अत्यधिक रकम लेने की निंदा की है। फिल्म आधार के ऑडियो लॉन्च इवेंट में भाग लेते हुए अरुण पांडियन ने कहा, निर्देशक सरवनन ने अपने भाषण में वर्तमान समय को तमिल सिनेमा का सुनहरा दौर बताया। स्वर्ण युग वह था जब निर्देशक भारतीराजा जैसे लोग थे। जब हम फिल्मों में अभिनय करते थे। अब ऐसा नहीं है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं। उन्होंने आगे कहा, आज तमिल सिनेमा की स्थिति इतनी खराब है कि अन्य सभी भाषा की फिल्में तमिलनाडु में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। मैं हाल ही में रिलीज हुई फिल्मों का भी जिक्र कर रहा हूं। चाहे विजय की फिल्म हो या अजित की फिल्म, वे फिल्मों पर खर्च नहीं करते हैं लेकिन खुद पर करते हैं। अगर वे अपने वेतन के रूप फिल्म की लागत का 90 प्रतिशत लेते हैं, तो कोई फिल्म कैसे बना सकता है? कोई फिल्म नहीं बना सकता। मैं इस प्रथा की कड़ी निंदा करता हूं। जब हमने फिल्में बनाईं तो फिल्म के बजट का केवल 10 प्रतिशत वेतन में जाता था। 90 प्रतिशत फिल्म बनाने की ओर जाता था। अभिनेता और निर्माता ने कहा, तब हम अपनी कहानियों और अपने निर्माण से जीत रहे थे। अब हम सभी क्षेत्रों में पिछड़ रहे हैं। मैंने सुना है कि इस फिल्म के नायक करुणा ने अपने वेतन के रूप में एक पाई नहीं ली है। उन्हें मेरा सलाम। --आईएएनएस एचएमए/एएनएम