
नई दिल्ली, हि.स.। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में पांच दिन पहले हुई बरसात से सुधरी हवा आज सुबह फिर और ज्यादा खराब हो गई। दीपावली की खुशी में डूबे अधिकांश लोगों ने पटाखों पर लगे सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध की परवाह नहीं की। रात को पटाखे छुड़ाकर आसमान को धुआं-धुआं कर दम फुला दिया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है। आज सुबह आनंद विहार में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और आईटीओ में 263 रहा। कल के मुकाबले इसमें इजाफा हुआ है। कल सुबह दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई 266, आरके पुरम में 241, पंजाबी बाग में 233 और आईटीओ में 227 रहा था।
वायु गुणवत्ता सूचकांक 'खराब' श्रेणी पर
समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में पिछले 24 घंटे में हुए उछाल से आज राजधानी की सुबह धुएं चादर में ढकी रही। दृश्यता भी कम रही। कल की तरह आज भी हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है। सुबह छह बजे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों के दृश्यों में सड़कों पर घनी धुंध छाई रही। इससे दृश्यता काफी कम हो गई है और कुछ सौ मीटर से आगे देखना मुश्किल हो गया।
दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया
हाल ही में, दिल्ली सरकार ने भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने खराब हवा से निपटने के लिए 'कृत्रिम बारिश' कराने पर भी विचार किया था। मगर बरसात होने से मिली बड़ी राहत से सरकार ने इरादा टाल दिया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 300 पर आ गया।
उत्तर पश्चिम की तरफ से हवा के कारण बढ़ सकता है प्रदूषण
बोर्ड ने चेताया है कि उत्तर पश्चिम की तरफ से हवा चलने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। आज दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और अधिक 'बेहद खराब' श्रेणी में पहुंच सकती है। आज रात तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से अधिक जा सकता है। 14 नवंबर को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में रहने की संभावना है।
इन कारणों से बढ़ा प्रदुषण का स्तर
दिल्ली और नोएडा में दीपावली के दिन के बाद वायु प्रदुषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। राजधानी में रविवार को ही प्रदुषण का स्तर 'खतरनाक' की श्रेणी में पाया गया। हालांकि पहले से ही दिल्ली की हवा के खराब स्तर पर होने का अनुमान लगाया जा रहा था। सिर्फ पटाखों के धुएं ही नहीं बल्कि खराब मौसम और आस पास के राज्यों में पराली जलाने एवं कूड़े में लगने वाली आग ने भी दिल्ली की हवा में जहर घोलने का काम किया है।
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