धमतरी : ग्रामों में चौपाल लगाकर जैविक खेती के लिए किसानों को किया जाएगा प्रेरित
धमतरी, 19 फरवरी ( हि. स.)। छत्तीसगढ़ शासन की सर्वाधिक महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के निचले स्तर पर समुचित क्रियान्वयन एवं ग्रामीणों में इसके महत्व को पहुंचाने के लिए शुक्रवार को जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के सभी विकासखंड के समिति प्रबंधक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, जनपद पंचायतों के सीईओ सहित अनुविभागीय अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है, जिसके जरिए धान के बढ़ते रकबे को सीमित करते हुए फसल-चक्र परिवर्तन को बढ़ावा देना तथा जैविक फसलों को शामिल करना है। उन्होंने बताया कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्रामीणों से 31 मार्च तक प्रपत्र भराकर सर्वे किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायतों में पटवारी, पटेल, समिति प्रबंधक, पटेल, पंचायत सचिव द्वारा चौपाल लगाकर जैविक खेती के लाभ तथा धान के स्थान पर वैकल्पिक फसलों की जानकारी दी जाएगी। स्थानीय विंध्यवासिनी वार्ड के सामुदायिक भवन में दो सत्रों में आयोजित कार्यशाला में कलेक्टर ने कहा कि पिछले 4-5 सालों में धान की खेती का रकबा काफी बढ़ा है जो बेहद चिंतनीय और खतरनाक स्थिति है। धान की फसल लेने की लागत बहुत ऊंची है और काफी पानी की भी जरूरत पड़ती है। खेतों में लगातार एक ही फसल लिए जाने से जहां मिट्टी की सेहत खराब होती है, वहीं कीटनाशक रासायनिक दवाओं के अपरिमित उपयोग से घातक बीमारियों की आशंका बेहद बढ़ जाती है, ऐसे में जैविक खेती ही एकमात्र विकल्प है जिससे किसानों की आय बरकरार रखी जा सके। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी खाद उत्पादित की जा रही है। वर्मी कंपोस्ट का उतना ही निर्माण करें, जितने का उपयोग किसानों के द्वारा किया जा सके। जिले में धान की 1.44 लाख हेक्टेयर रकबे में खेती ली जा रही है और इसी रकबे को घटाकर जैविक फसलों को उपयोग में लाकर व्यापक फसल-चक्र परिवर्तन लाना ही इस योजना का ध्येय है। इसके पहले जिला पंचायत सीईओ मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में 600 हेक्टेयर रकबे में जैविक खेती का लक्ष्य रबी फसल के लिए रखा गया है जिसमें 15 हजार क्विंटल वर्मी खाद तैयार कर आगामी तीन माह में उठाव किया जाएगा। उन्होंने जिले के 20 माडल गौठानों में बहुउद्देशीय गतिविधियों के संचालन किए जाने की भी जानकारी कार्यशाला में दी तथा वर्तमान परिवेश में जैविक खेती की आवश्यकता, महत्व तथा कार्ययोजना पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला के पहले सत्र में नगरी तथा मगरलोड विकासखंड तथा दूसरे सत्र में धमतरी व कुरुद ब्लाक के संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन