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धमतरी : कोरोना आपदा से जुड़ी मांगों पर माकपा ने शुरू किया पोस्टकार्ड अभियान

गरीबों को मुफ्त राशन, नगद मदद की हो रही मांग धमतरी, 26 अप्रैल ( हि. स.)I मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की धमतरी ईकाई ने कोरोना आपदा से जुड़ी जन मांगों पर पोस्टकार्ड अभियान चलाने का फैसला किया है। अभियान की शुरुआत सोमवार से शुरू हुई। यह अभियान पांच मई तक चलेगा। अभियान से जुड़ी मांगों में सभी परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो गेहूं-चावल, एक किलो दाल और एक किलो तेल मुफ्त देने, गैर-आयकरदाता सभी परिवारों को प्रति माह 7 हजार 500 रुपये नगद मदद देने, रोजगार गारंटी में छह सौ रुपये की मजदूरी और 200 दिन काम देने, सभी प्रवासी मजदूरों को मुफ्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने, सार्वभौमिक टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने, स्वच्छ और सर्व सुविधा युक्त एकांतवास केंद्रों को खोलने और सभी अस्पतालों और मरीजों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांगें शामिल हैं। इन मांगों पर व्यापक जनमत को लामबंद करने के लिए 30 अप्रैल को पूरे जिले में वर्चुअल प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाएगा। अभियान की जानकारी देते हुए माकपा जिला सचिव समीर कुरैशी ने बताया कि जिले में लाकडाउन बढ़ाने के कारण असंगठित मजदूरों और ग्रामीण गरीबों के बीच आजीविका का संकट खड़ा हो गया है और वे भुखमरी का शिकार हो रहे हैं तथा सूदखोर महाजनों के चंगुल में फंस रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को गरीब तबकों के रोजगार में हो रहे नुकसान की भरपाई करना चाहिए तथा उन्हें मुफ्त खाद्यान्न और नगद राशि देकर मदद करना चाहिए। कोरोना की दूसरी सांघातिक और प्राणघातक लहर के लिए भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि आम जनता कोरोना से कम, सरकार की नाकामियों और कुप्रबंधन का ज्यादा शिकार हो रही है। आज मृतकों में अधिकांश आक्सीजन की कमी और दवाईयों के अभाव या उसके महंगे होने से न खरीद पाने के कारण मर रहे हैं। इसलिए कोरोना से होने वाली हर मौत के लिए केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी निर्धारित की जानी चाहिए। माकपा नेता ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी के बावजूद इससे निपटने के लिए न केंद्र सरकार ने कोई तैयारी की और न ही राज्य सरकार ने। नतीजन, नए कोविड केंद्रों को खोलने और बिस्तरों की संख्या बढ़ाना अर्थहीन हो गया है, क्योंकि मरीजों की देखभाल करने के लिए दक्ष डाक्टर और स्टाफ ही नहीं है। निजी दवा कंपनियों द्वारा टीकों के घोषित मूल्यों पर सरकार का कोई नियंत्रण न रहने से आम जनता की टीको से पहुंच दूर होगी और कोरोना पर काबू पाना और मुश्किल हो जाएगा। माकपा ने केंद्रीय बजट में इसके लिए आबंटित 35000 करोड़ रुपयों का उपयोग किये जाने की मांग की है, ताकि सबको मुफ्त टीका लग सके। मिली जिम्मेदारी माकपा नेता मणिराम देवांगन, सुमित निषाद, रेमन यादव, महेश शांडिल्य, सरला शर्मा, अनसुईया कंडरा, अहिल्या धुल, राधा दिली, महेश निर्मलकर, तेजराम चक्रधारी, बालाराम मरकाम, अमरिक नेताम, और सागर निषाद के नेतृत्व में भटगांव, कोलियारी, देमार, बोरिद खुर्द, बलियारा, भंवर मरा, छाती और सरसौपुरी सहित कई गांवों में यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत कोरोना आपदा से राहत देने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर ग्रामीण जन अपनी मांगों पर प्रदेश के राज्यपाल को पोस्टकार्ड लिखेंगे, ताकि राज्य और केंद्र सरकार को जन मांगों से अवगत कराया जा सके। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

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