नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। चक्रवात बिपरजॉय का असर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है। अभी कई राज्यों में तूफानी हवाएं और बारिश के आसार दिखाई दे रहे हैं। चक्रवात के फीके पड़ने के बाद भी अभी कुछ दिनों तक इसका असर महसूस किया जा सकता है। बिपरजॉय का असर अब गुजरात के बाद राजस्थान में दिखने लगा है। आज राज्य में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं देखने को मिल रही है। आने वाले दिनों में इसके कारण उत्तर पश्चिम भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश होने के असार दिख रहे हैं।
IMD के महानिदेश डॉ मृत्युंजय महापात्र के अनुसार
IMD के महानिदेश डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा, चक्रवाती तूफान बिपरजॉय शुक्रवार मध्य रात्री में कमजोर होकर एक गहरे दबाव में परिवर्तित हो गया था। आज सुबह ये दक्षिण पश्चिम राजस्थान के ऊपर और इसके आस-पास के इलाके नॉर्थ गुजरात में केंद्रित है। आज साउथ राजस्थान और उत्तरी गुजरात के आस-पास के क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहेगी।
मानसून आने में होगी देरी
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, "चक्रवात बिपरजॉय 6 जून को एक चक्रवाती तूफान बन गया और शुरुआत में इसने मानसून को केरल और आसपास के क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद की। लेकिन अब इसकी वजह से देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून के आने में देरी हो सकती है। यह शुरुआती दिनों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए फायदेमंद था, लेकिन जब यह उत्तर की ओर बढ़ा तो यह लाभ समाप्त हो गया।
मानसून का आगमन 21 जून से संभव
चक्रवात बिपरजॉय ने अरब सागर में हवा की ताकत को कमजोर कर दिया और यहां तक कि जमीन पर हवा की दिशा को भी प्रभावित किया है। मानसून को आगे बढ़ने और बारिश के लिए उच्च समुद्री सतह के तापमान और नमी की भी आवश्यकता होती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, देश के शेष हिस्सों में मानसून का आगमन 21 जून से होगा। मानसून 11 जून के बाद स्थिर है।