संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से मिलवाने के आश्वासन पर परिवार ने खत्म किया धरना
संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से मिलवाने के आश्वासन पर परिवार ने खत्म किया धरना

संजीत अपहरण व हत्याकांड : मुख्यमंत्री से मिलवाने के आश्वासन पर परिवार ने खत्म किया धरना

- पुलिस ने रोका पैदल मार्च तो धरने पर बैठ गया था परिवार, मौके पर पहुंचे आलाधिकारी कानपुर, 14 अगस्त (हि.स.)। बर्रा के पैथालॉजी कर्मी संजीत यादव के अपहरण व हत्याकांड को करीब दो महीने होने जा रहे हैं, पर पुलिस अभी तक सही से घटना का खुलासा नहीं कर सकी। हालांकि पुलिस ने पांच हत्यारोपियों को जेल भेज दिया है, पर अभी तक शव न मिलना खुलासे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है। परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की और 12 दिन बीतने के बाद अमल में न आने पर परिवार का धैर्य टूट गया और शुक्रवार को पैदल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल न्याय की गुहार लगाने के लिए लखनऊ की ओर चल दिया। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली तो परिवार को रोकने का प्रयास किया गया पर वह नहीं माने और उनके साथ मौजूद भीड़ नारेबाजी करने लगी। नौबस्ता पहुंचने पर पुलिस ने परिवार सहित सभी को रोक लिया तो परिवार धरने पर बैठ गया। इसके बाद आलाधिकारियों की घंटों बातचीत चली और आलाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि 15 अगस्त के बाद मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा। इस पर परिवार घर लौट गया। बर्रा निवासी चमन लाल यादव को बेटा संजीत यादव पैथालॉजी कर्मी था और उसका 22 जून को अपहरण हो गया था। परिजन लगातार पुलिस से गुहार लगाते रहे पर पुलिस बराबर लापरवाही करती रही। पुलिस ने 23 जुलाई को घटना का खुलासा कर पांच हत्यारोपियों को जेल भेज दिया। मामला मीडिया में जब तूल पकड़ा और पुलिस की लापरवाही उजागर हुई तो शासन ने एसपी दक्षिण, सीओ सहित कई पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। घटना के खुलासे के बाद पुलिस हत्यारोपियों की निशानदेही पर पाण्डु नदी में कई दिनों तक सर्च आपरेशन चलाकर शव को खोजा पर सफलता नहीं मिली। घटना का सही से खुलासा न करने का आरोप लगा परिवार ने बीते दिनों दो अगस्त को शास्त्री चौक पर आमरण अनशन कर दिया। इस दौरान अधिकरियों ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच सीबीआई से करायी जाएगी, लेकिन 12 दिन बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई अमल में नहीं आयी। इस पर परिवार का धैर्य शुक्रवार को टूट गया और पैदल ही न्याय के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाने के लिए पैदल चल पड़ा। संजीत के स्वजन बर्रा गांव पहुंचे थे कि जनता नगर चौकी का फोर्स पहुंच गया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो स्वजन के साथ मौजूद लोग हाथ में तख्तियां लेकर संजीत के हत्यारों को फांसी दो के नारे लगाने लगे। स्वजन बाईपास से लखनऊ के रास्ते पर पैदल आगे बढ़ते रहे। बर्रा बाईपास चौराहे पर सीओ गोविंद नगर ने रोकने का प्रयास किया लेकिन वो नहीं माने। इस बीच नौबस्ता समेत कई अन्य थाने का फोर्स बुलाया गया और नौबस्ता में रोक लिया गया। इस पर नाराज परिवार वाले और अन्य लोग वहीं पर धरने पर बैठ गये। धरने पर बैठने की सूचना पर पुलिस के आलाधिकारी एसपी दक्षिण दीपक भूकर, एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल और सीओ गीतांजलि भी पहुंच गयी। आलाधिकारी घंटों समझाते रहे पर परिवार धरना खत्म करने का नाम ही नहीं ले रहा था। इसके बाद एसीएम आर.सी. वर्मा पहुंचे और बातचीत कर आश्वासन दिया कि 15 अगस्त के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाया जाएगा। आश्वासन के बाद पैदल मार्च और धरना समाप्त हो गया और पुलिस ने परिजनों को वाहनों से घर भिजवाया। बहन ने कहा पुलिस बना रही बेवकूफ संजीत की बहन रुचि का कहना है कि सीबीआई जांच के नाम पर पुलिस और अफसर बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। 12 दिन होने को है, अब तक सीबीआई जांच के लिए नहीं आई है। दूसरे मामलों में तो दो दिन में ही सीबीआई पहुंचकर छानबीन कर लेती है। मेरे भाई के मामले में ये लेटलतीफी क्यों? रुचि का कहना है वह स्वजनों के साथ मुख्यमंत्री आवास पैदल जाने के लिए निकली हैं। अगर न्याय नहीं मिला तो स्वजनों संग आत्मदाह करेगी। हाइवे पर लगी लंबी कतारें शुक्रवार को संजीव के पिता चमनलाल, मां कुसमा देवी बहन रुचि, चाचा कश्मीर सिंह के साथ पुलिस को चकमा देकर घर से निकल गए। इसके बाद सामाजिक संस्था ऑपरेशन विजय व सैकड़ों लोग अन्य परिजनों के साथ बड़ागांव से होते हुए बर्रा हाईवे पर पहुंचे। इस दौरान लोग अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिनमें संजीत का शव बरामद करो, पुलिस प्रशासन होश में आओ और संजीत के परिवार को न्याय दो जैसे स्लोगन लिखे हुए थे। हाईवे पर करीब 250 लोगों के पैदल मार्च के चलते वाहनों की लंबी कतारें लग गई। वहीं, नौबस्ता की ओर से आ रहे ट्रक के आगे रुचि और उसकी मां कुसमा लेट गईं। किसी तरह पुलिस ने ट्रक को रुकवाया और दोनों ओर से बेरीकेडिंग लगाकर वाहन खड़े करवा दिए। । हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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