फर्जी प्रमाण मामले में चार अभ्यार्थियों के खिलाफ लोकसेवा आयोग ने दर्ज कराया मुकदमा

फर्जी प्रमाण मामले में चार अभ्यार्थियों के खिलाफ लोकसेवा आयोग ने दर्ज कराया मुकदमा

प्रयागराज, 19 जनवरी (हि.स.)। लोकसेवा आयोग उत्तर प्रदेश के द्वारा आयोजित कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा विभाग उ.प्र. की सहायक सांख्यिकी अधिकारी 93 पदो के लिए वर्ष 2015 में उत्रीण होने वाले चार अभ्यार्थियों के खिलाफ पीजीडीसीए का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के मामले को लेकर सिविल लाइंस थाने में मंगलवार शाम मुकदमा दर्ज किया। उक्त मुकदमा उ.प्र.लोकसेवा आयोग अनुभाग अधिकारी एस.पी.सिंह की तहरीर पर दर्ज किया गया। बतादें कि कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा उ.प्र. कृषि विभाग के अन्र्तगत 14 अगस्त 2015 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के 93 पदों के चयन हेतु एक विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन द्वारा योगता के मुताबिक अनिवार्य शैक्षिक आर्हता के आधार पर 1426 अभ्यार्थियों ने आफलाइन आवेदन किया। जिसके बाद 4 एवं 14 जुलाई 2020 सहायक सांख्यिकी अधिकारी पद पर चयन के लिए अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। जिसके तहत 31 जुलाई 2020 तक कुल 650 अभ्यार्थियों ने अनिवार्य योगता सम्बन्धी प्रमाण-पत्र आयोग को भेजा। जिसमें जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि कुछ अभ्याथ्रियों ने अपने प्रथम आवेदन-पत्र के साथ पंजीकृत सोसाइटी द्वारा संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षा केन्द्रों या इसी तरह के अन्य कम्प्यूटर संस्थानों द्वारा जारी किए गए कम्प्यूटर प्रमाण पत्रों को संलग्न किया गया। जिसे कम्प्यूटर विषय विशेषज्ञों द्वारा विज्ञापन में वर्णित कम्प्यूटर सम्बन्धी अनियवार्य अर्हता के समकक्ष नहीं माना और ऐसे प्रमाण पत्रों को अस्वीकृत कर दिया गया। मामले की जांच की गई तो कई अभ्यार्थियों द्वारा जिसमें अजय कुमार गौतम निवासी बलरामपुर सुल्तानपुर, अलका सिंह निवासी मंत्री आवास विभूति खण्ड गोमती नगर, कुमार गौरव निवासी दुल्लहपुर जिला गाजीपुर, गुमार गौरव निवासी विभुति खण्ड गोमती नगर लखनऊ का पीजीडीसीए का प्रमाणपत्र नकली पाया गया। मामले को गम्भीरता से देते हुए लोग सेवा आयोग अनुभाग अधिकारी एस.पी. सिंह ने सिविल लाइंस थाने में मंगलवार शाम तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। सिविल लाइंस थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर-hindusthansamachar.in

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