धार में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा,  जिन्होंने कोरोना जांच कराई ही नहीं, वे भी निकले पॉजीटिव
धार में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, जिन्होंने कोरोना जांच कराई ही नहीं, वे भी निकले पॉजीटिव

धार में स्वास्थ्य विभाग का कारनामा, जिन्होंने कोरोना जांच कराई ही नहीं, वे भी निकले पॉजीटिव

प्रशासन का सख्त कदम, दोनों कर्मचारी बर्खास्त धार से ज्ञानेंद्र त्रिपाठी धार,15 सितंबर, (हि.स. ) कोरोना महामारी के प्रसार के बीच धार जिले में एक अनूठा मामला सामने आया है। यहां पर जिन लोगों ने जांच के लिए सेंपल ही नहीं दिये, उन्हें भी पॉजीटिव बता दिया गया है। बहरहाल, इस घटना को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है और इसके लिए जिम्मेदार दो कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। धार जिले की विधानसभा कुक्षी के निसरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा गांव गांव जांच के लिए टीमें बनाई गई हैं। 8 सितम्बर को निसरपुर ब्लाक से एक टीम टाना गांव पहुची , जहां टीम के लोगों ने आशा कार्यकर्ता व पंचायत सचिव के माध्यम से जनगणना के रजिस्टर से 19 लोगो के नाम लिख लिए। इसके बाद उन्होंने गांव के लोगों को बुलाया , मगर गांव वाले अपने सेम्पल देने से बचते रहे ओर कोरोना को लेकर झूठी रिपोर्ट आने की बात कहते हुए सेम्पल नही दिए। जिसे देखते हुए कोरोना जांच सेम्पल दल ने कोरोना सेम्पल के लिए सरपंच, सचिव व आशा कार्यकर्ता के रजिस्टर से 19 लोगों के नाम लिखे। उन में से 4 लोगों ने कोरोना सेम्पल दिए गए, बाकी 15 टेस्ट टयूब पर केवल नाम की पर्ची लगा दी। इंदौर की लैब से 11 सितंबर की रात को 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इन 17 लोगों में 15 वह लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने कोरोना सेम्पल दिया ही नही है। सेम्पल देने वाले 2 लोग पॉजिटिव रिपोर्ट में शामिल है और 2 की रिपोर्ट आना बाकी है। इस मामले पर निसरपुर क्षेत्र के सीबीएमओ से चर्चा की गई तो उन्होंने मामले की जांच करवा कर संबंधित लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है । इस मामले को लेकर जब मंगलवार को कलेक्टर से चर्चा की गई तो दो लोगों को बर्खास्त कर मामले में जांच की बात कही है। इस पूरे घटनाक्रम से लोगो में कोरोना को लेकर विश्वास टूटता जा रहा है और चर्चाओं का भी दौर शुरू हो गया है कि कहीं यह बड़ी लापरवाही या भ्रष्टाचार तो नही है ? यह कहना है इनका - इस मामले को लेकर निसरपुर सीबीएमओ एन.एस.गेहलोद ने कहा है कि पूरे मामले में जांच की जा रही है और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी - वही लैब टेक्नीशियन गुमान सिंह चौहान ने कहा कि आए दिनों स्वास्थ्य अमले पर हो रहे हमले और कोरोना रिपोर्ट को लेकर संशय की स्थिति बन रही थी। कोरोना जैसी बात लोग नहीं मान रहे थे इसलिए उन्होंने सत्यता को परखने के लिए 15 लोगों की फर्जी कोरोना जांच इंदौर भेजी ताकि वस्तुस्थिति का पता लगाया जा सके। पूरे मामले को लेकर धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने संबंधित जाच दल के दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त किया है जिसमें बच्चन मुजाल्दा डी ब्लॉक कम्युनिटी मोबालाइजर व लैब टेक्नीशियन गुमान सिंह चौहान की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं तथा गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं। इस बात की पुष्टि स्वयं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर सी पनिका ने की। हिंदुस्थान समाचार/ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी/केशव-hindusthansamachar.in

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