नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। इस्लामिक देश कजाकिस्तान की अल फराबी यूनिवर्सिटी से एक अजीबों गरीब मामला सामने आया है। जहां 190 से अधिक छात्राओं की वर्जिनिटी स्टेट्स के डेटा को सार्वजनिक कर दिया गया। डेटा में ऐसी जानकारी थी। जिसका संबंध छात्राओं की निजी लाइफ से था। लीक हुए डेटा में छात्राओं का नाम, उम्र, फोन नंबर और टैक्स कोड शामिल था। मामला जब गंभीर हुआ तो कजाकिस्तान के विज्ञान और उच्च शिक्षा मंत्री सयासत नूरबेक ने इसे शर्मनाक घटना बताते हुए निंदा की है। जिम्मेदारों को छोड़ा नहीं जायेगा।
कैसे लीक हुआ डेटा?
जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी के ही मेडिकल सेंटर में ही 190 छात्राओं की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा की गई थी। इसमें उनका नाम, उम्र, मोबाइल फोन और टैक्स कोड की जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद इन सभी का डेटा लीक हो गया। जिसे यूनिवर्सिटी के मेडिकल अधिकारियों ने लीक किया। डेटा यूनिवर्सिटी के कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया था। इस लीक हुए डेटा को शिक्षको और अन्य छात्रों ने भी देखा। मामले को बढ़ता देख यूनिवर्सिटी ने गलती के लिए जिम्मेदार मेडिकल केंद्र के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। लेकिन सवाल यह है कि छात्राओं से वर्जिनिटी को लेकर ऐसे सवाल क्यों पूछे गए थे।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?
मामले की गंभीरता को देखते हुए कजाकिस्तान के विज्ञान और शिक्षा मंत्री सयासत नूरबेक पूरे मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि निजी डेटा का ट्रांसफर विशेष तौर पर चिकित्सा से जुड़ा हुआ डाटा लीक होना गंभीर विषय है। मैं इस पूरे मामले को देख रहा हूं । डेटा लीक करना एक बड़ा उल्लंघन है। जिसने भी यह किया है। उसे वर्तमान कानून के तहत सजा का सामना करना पड़ेगा। वहीं यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों ने डेटा लीक की गोपनीयता के उल्लंघन की आलोचना करते हुए कहा कि हमारा निजी डेटा हर लैंप पोस्ट पर लटका हुआ है।
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