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वेल्लोर सामूहिक बलात्कार मामला : गुंडा अधिनियम के तहत संदिग्धों पर केस दर्ज

चेन्नई, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। तमिलनाडु के वेल्लोर में एक महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार में कथित रूप से शामिल चार संदिग्धों पर शुक्रवार को गुंडा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक राजेश कन्नन की सिफारिशों पर वेल्लोर के जिला कलेक्टर पी. कुमारपांडियन ने मामला दर्ज किया है। अधिनियम यह सुनिश्चित करता है कि कम से कम एक वर्ष जेल में पूरा होने तक संदिग्धों को जमानत पर रिहा नहीं किया जाएगा। चार संदिग्ध- आर. पार्थिबन, आर. भरत, ई. संतोष कुमार और वी. मणिकांतन, वेल्लोर के निकट सथुवाचारी के थे और वेल्लोर के केंद्रीय कारागार में बंद हैं। यह घटना 17 मार्च की है जब एक निजी अस्पताल में काम करने वाली महिला डॉक्टर अपने दोस्त के साथ देर रात फिल्म देखने के बाद वापस चिकित्सा सुविधा के लिए जा रही थी। चालक सहित पांच लोगों को लेकर एक ऑटोरिक्शा दोनों के पास पहुंचे और सवारी की मांग की। हालांकि दोनों शुरू में असहज थे लेकिन बाद में गाड़ी में बैठ गए। दोनों ने ऑटो चालक से उन्हें अस्पताल छोड़ने को कहा। हालांकि, जब ऑटो वहां न जाकर कहीं और निकल गया तो दोनों ने शोर मचाया। गिरोह उन्हें एक सुनसान जगह पर ले गए। उन्होंने चाकू की नोंक पर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद गिरोह ने उनके मोबाइल फोन, उनके पहने हुए आभूषण चुरा लिए और चाकू की नोंक पर उस व्यक्ति को पास के एक एटीएम में ले गए और 40,000 रुपये निकाल लिए। पुलिस ने कहा, पीड़िता ने 22 मार्च को वेल्लोर पुलिस में एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई और वेल्लोर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसमें तमिलनाडु निषेध की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और धारा 4 (महिला के उत्पीड़न के लिए दंड) महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम शामिल है। इसके बाद एक नाबालिग समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। नाबालिग लड़के को सुधार गृह भेज दिया गया और अन्य वेल्लोर केंद्रीय जेल में बंद हैं। --आईएएनएस एसकेके/एसकेपी

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