ukraine-crisis-indian-citizen-injured-in-bullet-injury-last-talk-to-family-on-26-february-remained-unconscious-for-4-days
ukraine-crisis-indian-citizen-injured-in-bullet-injury-last-talk-to-family-on-26-february-remained-unconscious-for-4-days

युक्रेन संकट: भारतीय नागरिक गोली लगने से घायल, 26 फरवरी को परिवार से की आखिरी बार बात, 4 दिन रहे बेहोश

नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा अब बेहद गंभीर होता जा रहा है। युक्रेन की राजधानी कीव में एक भारतीय नागरिक हरजोत सिंह को गोली लगी है। उन्हें फिलहाल एक अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां वह खतरे से बाहर हैं। दिल्ली के छतरपुर में मौजूद घायल हरजोत सिंह के भाई प्रभजोत सिंह ने आईएएनएस को बताया कि, 26 फरवरी को रात 9 बजये हरजोत सिंह से आखिरी बार बातचीत हुई थी, जिसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ। फिर 2 मार्च को रात को उसने परिवार से संपर्क किया और गोली लगने की बात बताई। 3 से 4 गोलियां लगने की बात बताई उन्होंने और कीव से निकलने के दौरान इन्हें यह गोलियां लगी थी। उसको एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल लेकर स्थानीय लोग पहुंचे और 4 दिन बाद जब होश आया तो डॉक्टरों के फोन से हमसे संपर्क किया। उन्होंने आगे बताया कि, हम दूतावास भी गए, सभी दस्तवेज भी दिए, क्योंकि जब हरजोत के गोली लगी तो उस दौरान उसके सभी दस्तावेज खो गए, वहीं उसके फोन में दस्तावेज कई तस्वीरें थीं। हरजोत का परिवार सरकार से उसकी मदद करने की गुहार लगा रहा है और जल्द अस्पताल से दिल्ली बुलाने की मांग कर रहा है। जानकारी के अनुसार, हरजोत सिंह अपने दोस्तों के साथ कैब में सीमा पर पहुंचने की कोशिश कर रहा था, तभी उसे गोली मार दी गई, वह कीव से बचने और किसी तरह लविवि पहुंचने की कोशिश कर रहा था। हालांकि ट्रेन में हरजोत व उनके साथियों को बैठने नहीं दिया गया। फिर मेट्रो से निकलने लगा, तभी किसी ने गोली मार दी। हरजोत को यह नहीं पता कि गोली किन लोगों ने चलाई। सरकार युक्रेन में फंसे नागरिकों को लगातार निकालने की कोशिश में लगी हुई है, भारतीयों को निकालने के लिए सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया हुआ है। अब तक कई फ्लाइट के माध्यमों से भारतीय नागरिकों को स्वदेश लौटाया जा चुका है। इसके अलावा सरकार ने अपने मंत्रियों को भी युक्रेन से सटे स्थानीय देशों में भेजा हुआ है ताकि भारतीय नागरिकों को निकालने में तेजी और आसानी अब सभी को बिना छोड़े वापस बुलाया जा सके। --आईएएनएस एमएसके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in