तिरुनेलवेली पत्थर खदान दुर्घटना : लापता लॉरी चालक नहीं मिला
चेन्नई, 22 मई (आईएएनएस)। लापता लॉरी चालक पी. राजेंद्रन को खोजने के लिए बोल्डर और पत्थरों को हटाने के लिए दो राउंड के नियंत्रित विस्फोटों के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। 14 मई को अदैमिथिप्पनकुलम में पत्थर की खदान दुर्घटना में तीन श्रमिकों की मौत हो गई, जबकि दो क्रेन ऑपरेटरों को बचा लिया गया। राजेंद्रन, जिसके कई टन बोल्डर के नीचे फंसे होने का संदेह है, बोल्डरों को हटाने के लिए दो राउंड के नियंत्रित विस्फोटों के बाद भी अभी तक पता नहीं चल पाया है। नियंत्रित विस्फोटों के बाद, पत्थर हटा दिए गए, लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के जवान राजेंद्रन का पता नहीं लगा पाए। बचावकर्मियों ने कहा कि एक चट्टान के नीचे से दरुगध आ रही थी और एनडीआरएफ की टीम को उम्मीद थी कि राजेंद्रन वहां के पत्थरों के अंदर दबे हुए हो सकते हैं। हालांकि, जब पत्थर हटाए गए, तो वह नहीं मिले। पुलिस और एनडीआरएफ कर्मियों ने आईएएनएस को बताया कि एक और नियंत्रित विस्फोट बगल की चट्टानों पर किया जाएगा, क्योंकि इलाके से अभी भी दरुगध आ रही है। एनडीआरएफ की टीम नियंत्रित विस्फोट पर नजर रखेगी। पत्थर की खदान के मालिक चैंबर सेल्वराज (84) और उनके बेटे कुमार (52) को शनिवार को कर्नाटक के मंगलुरु के पास एक लॉज से गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि चैंबर सेल्वराज तिरुनेलवेली जिले में ईंट भट्ठा व्यवसाय में एक प्रमुख खिलाड़ी है और पलायमकोट्टई के पोन्नाकुडी और नांगुरेनी के पास परप्पाडी में ईंट भट्टों का मालिक है। इस मामले में मुख्य जांच अधिकारी नंगुनेरी एएसपी रजत चतुर्वेदी ने कहा कि अदैमिथिप्पनकुलम में खदान में पत्थरों के अत्यधिक खनन से संबंधित कई दस्तावेज एकत्र किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तलाशी के दौरान पत्थर, नीली धातु और एम-रेत बेचने के लिए मोटी रकम के लेन-देन का ब्योरा बरामद किया गया है। जांच अधिकारी के मुताबिक, दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि क्रशर में खुलेआम अवैध उत्खनन हो रहा था। --आईएएनएस एचके/एसजीके