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इलाज के लिए बेटे की क्राउड फंडिंग को पिता के जेल जाने से लगा झटका

पटना, 27 अगस्त (आईएएनएस)। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक अनोखी बीमारी से पीड़ित 10 महीने के अयांश के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग की पहल को उसके पिता को 10 साल पुराने जालसाजी मामले में जेल भेजे जाने के बाद एक बड़ा झटका लगा है। अपने बेटे के लिए 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन खरीदने के लिए धन जुटाने के लिए सुर्खियों में आने के बाद, अयांश के पिता आलोक सिंह के खिलाफ जालसाजी का मामला सामने आया था। आलोक ने रांची की निचली अदालत में सरेंडर कर दिया है, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। उन पर 2011 में मर्चेंट नेवी कॉलेज में दाखिले के लिए युवाओं से समन्वय स्थापित करने का आरोप है। उनके खिलाफ रांची के पंद्रा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अपने बेटे के इलाज के लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग शुरू की है और दुनिया भर से लोग अब तक 6.85 करोड़ रुपये दान कर चुके हैं। आलोक ने अदालत में आत्मसमर्पण करने के बाद कहा कि मैं अपने बेटे की बीमारी के नाम पर धन जुटाने के आरोपों का सामना कर रहा हूं। मैं कहना चाहता हूं कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। मैं तब तक जमानत के लिए आवेदन नहीं करूंगा जब तक कि इंजेक्शन नहीं खरीदा जाएगा और मेरे बेटे को नहीं दिया जाता। उनकी पत्नी नेहा सिंह ने कहा ने कहा कि मुझे रांची में जालसाजी के मामले की जानकारी नहीं थी। उनके आत्मसमर्पण करने के बाद धन जुटाने की प्रक्रिया पर इसका बुरा असर दिख रहा है। भविष्य में धन जुटाने के लिए जन आंदोलन धीमा होने की उम्मीद है। नेहा ने आगे कहा कि उनके आत्मसमर्पण के बाद, लोग उनके खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं। यह सब मेरे बेटे की बीमारी के लिए की जा रही हमारी लड़ाई को प्रभावित कर सकता है। मैं लोगों से उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने से बचने का अनुरोध करती हूं। राज्य और केंद्र सरकार ने एक पैसा नहीं दिया है। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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