संजीत अपहरण व हत्याकांड : नौ दिन से पाण्डु नदी में शव खोज रही पुलिस, अब नारको टेस्ट का सहारा
संजीत अपहरण व हत्याकांड : नौ दिन से पाण्डु नदी में शव खोज रही पुलिस, अब नारको टेस्ट का सहारा

संजीत अपहरण व हत्याकांड : नौ दिन से पाण्डु नदी में शव खोज रही पुलिस, अब नारको टेस्ट का सहारा

- 48 घंटे की रिमांड भी गयी बेकार, एक भी सबूत नहीं जुटा सकी पुलिस - पुलिस का अभी भी पाण्डु नदी में शव खोजने का जारी है सर्च अभियान कानपुर, 01 अगस्त (हि.स.)। संजीत अपहरण व हत्याकांड में पुलिस जिस तरह से चकरघन्नी बनी हुई है शायद ही किसी कांड में इस तरह हुआ हो। घटना का खुलासा आज से नौ दिन पहले हुआ था और आलाधिकारियों ने हत्याभियुक्तों को मीडिया के सामने पेश किया था। यह दावा किया गया था कि शव को पाण्डु नदी में फेका गया है और जल्द ही खोज लिया जाएगा, लेकिन अभी तक न तो शव मिला और न ही आलाकत्ल। इस दौरान पुलिस ने तीन अभियुक्तों को 48 घंटे की रिमांड पर लिया पर एक भी सबूत नहीं इकठ्ठा कर सकी। ऐसे में अब पुलिस के सामने दो विकल्प बचे हैं। पहला, दो अन्य अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर कड़ी पूछताछ, दूसरा अभियुक्तों का नारको टेस्ट। हालांकि शनिवार को भी पाण्डु नदी में पुलिस का शव खोजने का सर्च अभियान जारी है। बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा 5 एमआईजी निवासी चमन यादव का 27 वर्षीय बेटा संजीत यादव पैथालॉजी कर्मी था और उसका अपहरण 22 जून को हुआ था। इस अपहरण कांड में कानपुर पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी और अन्ततः शासन ने एसपी दक्षिण सहित 11 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। हरकत में आयी पुलिस ने 23 जुलाई की रात घटना का अनावरण किया और 24 जुलाई को पांच हत्याभियुक्तों को मीडिया के सामने लाया गया। हालांकि हत्याकांड में छह अभियुक्त हैं, एक अभियुक्त को पुलिस ने बाद में पकड़ा। पुलिस के आलाधिकारियों ने दावा किया था इन लोगों ने संजीत की हत्या कर पाण्डु नदी में फेक दिया और जल्द ही शव को बरामद कर लिया जाएगा। पुलिस 23 जुलाई की रात से लगातार पाण्डु नदी में संजीत के शव को खोज रही है, पर पुलिस को सफलता नहीं मिल रही है। इसी को लेकर पुलिस ने बुधवार को 48 घंटे के लिए अभियुक्त कुलदीप, ज्ञानेंद्र और नीलू को रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान इन सभी से कड़ी पूछताछ की गयी और पीएसी की दो मोटरबोट में इनको बैठाकर शव फेकने की बतायी गयी जगह से लेकर 20 किलोमीटर तक पुलिस ने पाण्डु नदी में सर्च अभियान चलाया, लेकिन शव नहीं मिला। यही नहीं आलाकत्ल रस्सी, बोरा आदि कुछ भी पुलिस को हासिल नहीं हो सका, जिससे यह पता चल सके कि हत्या हुई है और कोर्ट में पुलिस अपना मजबूत पक्ष रख सके। रिमांड पूरा होने पर तीनों को फिर जेल में दाखिल करा दिया गया है और अभी भी पुलिस अभियुक्तों के बताए के अनुसार पाण्डु नदी में सर्च अभियान चला रही है, पर संजीत का शव नहीं मिल सका। नौ दिनों से चलाये जा रहे सर्च अभियान में संजीत का शव न मिलना और साथ ही कोई भी ऐसा साक्ष्य न मिलना जिससे कोर्ट में साबित किया जा सके कि जेल भेजे गये अभियुक्तों ने हत्या की है, पुलिस के सामने चुनौती बनी हुई है। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि रिमांड पर लिये गये हत्याभियुक्त पुलिस को गुमराह कर रहे हैं और अब पुलिस हत्याभियुक्तों का नारको टेस्ट की तैयारी में है। रिमांड पर लिए जाएंगे दो अन्य अभियुक्त पुलिस ने तीन हत्याभियुक्त कुलदीप, ज्ञानेंद्र और नीलू को रिमांड पर लिया था पर सबूत नहीं मिल सके। सूत्र बताते हैं कि इन तीनों ने पूछताछ में बताया कि संजीत का बैग, पर्स, घड़ी, मोबाइल, फिरौती वाला बैग, उसमें रखे मोबाइल की जानकारी रामजी के पास है। कोरोना संक्रमित होने के कारण पुलिस उसे रिमांड नहीं ले पाई थी। अब रामजी और गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके 25 हजार के इनामी आरोपित सिम्मी को भी कस्टडी रिमांड पर लेकर साक्ष्य जुटाने की कोशिश होगी। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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