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हैदराबाद में पुजारी ने मंदिर में महिला भक्त की हत्या की

हैदराबाद, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। हैदराबाद में मंदिर से लापता हुई एक महिला भक्त के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने शुक्रवार देर रात मलकाजगिरी के विष्णुपुर कॉलोनी में सिद्दी विनायक मंदिर के पुजारी को लोहे की रॉड से महिला की हत्या और उसके सोने के गहने लूटने के आरोप में गिरफ्तार किया है। अनुमुला मुरली कृष्णा की गिरफ्तारी के साथ राचकोंडा पुलिस ने 56 वर्षीय महिला गोरथी उमा देवी की मौत के रहस्यमय मामले को भी सुलझा लिया है। मंदिर में नियमित दर्शन करने वाली उमा देवी 18 अप्रैल की शाम को मंदिर में दर्शन कर घर नहीं लौटीं। जब वह घर नहीं लौटी, तो उनके पति जीवीएन मूर्ति, जो एक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने मंदिर जाकर पुजारी से पूछताछ की। पुजारी ने कहा कि वह मंदिर आई थी लेकिन पहले ही वहां से चली गई थी। हालांकि, मूर्ति को मंदिर में अपनी पत्नी की चप्पल मिली और उन्होंने कुछ देर तक यह सोचकर इंतजार किया कि वह शायद पास के किसी स्थान पर गई होगी। थोड़ी देर इंतजार करने के बाद वह पुलिस के पास गए। राचकोंडा पुलिस आयुक्तालय के तहत मलकाजगिरी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने 21 अप्रैल को मंदिर के पिछले हिस्से में महिला का शव पाया और जांच शुरू की, जिसके बाद आखिरकार 42 वर्षीय पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया। आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के मूल निवासी पिछले कुछ वर्षों से मंदिर में पुजारी के रूप में काम कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, उमा देवी रोजाना मंदिर में आती थीं, जहां पुजारी की नजर उनके सोने के गहनों पर थी, जो वह पहनती थीं। उन्होंने उसे मारने और उसके गहने लूटने की योजना बनाई। इसी क्रम में शाम करीब 7 बजे जब उमा देवी मंदिर पहुंचीं। पुजारी ने मंदिर में किसी और व्यक्ति के नहीं होने पर स्थिति का फायदा उठाया। पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने कहा कि पुजारी ने महिला के सिर पर बार-बार लोहे की रॉड से प्रहार कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। जब पुजारी ने देखा कि पीड़िता की मौत हो गई है, तब उन्होंने महिला को प्लास्टिक के ड्रम में डाल कर ढक्कन बंद कर दिया और फर्श को साफ कर दिया। इसके बाद में उसने महिला के पहने हुए सोने के जेवर लूट लिए। उसने उसी इलाके की एक ज्वैलरी शॉप में करीब 10 तोले वजन के सोने के जेवर बेचे। इसके बाद में आरोपी ने शव को ट्रॉली में एक सुनसान जगह पर ले जाकर ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन पुजारी कामयाब नहीं हो सका क्योंकि स्थानीय लोग और पुलिस अधिकारी मृतक की तलाश में थे। जब दो दिन बाद ड्रम से बदबू आने लगी तो 21 अप्रैल की तड़के पुजारी ने मंदिर में जाकर पीछे के गेट से ड्रम में से शव को निकाल कर रेलवे ट्रैक के पास कंटीली झाड़ियों में फेंक दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, पुजारी ने खाली ड्रम को मंदिर में वापस लाकर साफ किया और उसके स्थान पर रख दिया। चूंकि अभी भी बदबू आ रही थी, उसने फिर से उसे साफ कर अगरबत्ती जला दी। शुक्रवार शाम तक पुलिस ने मामले का पदार्फाश कर दिया। पुलिस ने पुजारी द्वारा मां भवानी ज्वैलर्स को बेचे गए गहने भी बरामद किए और दुकान के मालिक जोशी नंदा किशोर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और पुजारी द्वारा भक्त पर हमला करने और उसे मारने के लिए इस्तेमाल की गई लोहे की रॉड को भी बरामद किया। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

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