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प्रारंभिक जांच में कर्नाटक में युवक की हत्या के पीछे उर्दू बोलने में असमर्थता को किया गया खारिज

बेंगलुरु, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। उर्दू में बोलने में असमर्थ होने के कारण कथित तौर पर मारे गए एक युवक की हत्या के संबंध में प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हत्या का कारण भाषा नहीं थी। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। मामले की जांच कर्नाटक पुलिस का आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) कर रहा है। 4 अप्रैल को बेंगलुरु शहर के जे जे नगर में युवक चंद्रू की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने दावा किया कि उर्दू में न बोलने के कारण युवक की हत्या की गई थी, जिसके बाद इस घटना ने सांप्रदायिक मोड़ ले लिया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने भी ऐसा ही एक बयान जारी किया। हालांकि, गृह मंत्री ने यू-टर्न लिया और बयान को वापस ले लिया। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने स्पष्ट किया कि हत्या रोड रेज की घटना के कारण हुई थी। हालांकि, बीजेपी एमएलसी रविकुमार और अन्य ने कहा कि कमल पंत झूठ बोल रहे हैं और हत्या इसलिए हुई, क्योंकि मृतक युवक चंद्रू उर्दू नहीं बोल सकता था। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विवाद के बाद आगे की जांच के लिए मामले को सीआईडी को सौंप दिया। सीआईडी के अधिकारियों ने साइमन राजू का बयान दर्ज किया है, जो घटना के समय मृतक के साथ था। उन्होंने चंद्रू के परिवार और रिश्तेदारों के बयान भी दर्ज किए हैं। राजू ने पहले मीडिया के सामने कहा था कि चंद्रू को उर्दू न बोलने के कारण मारा गया, हालांकि उसने जांचकर्ताओं को बताया कि झगड़ा तब शुरू हुआ, जब आरोपी ने पीड़ित की बाइक को टक्कर मार दी, जो बाद में लड़ाई में बदल गया, जिसमें चंद्रू की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। राजू ने सीआईडी से कहा है कि भाषा का मुद्दा ही नहीं उठा। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुख्य आरोपी शहीद पाशा सहित तीनों आरोपी धाराप्रवाह कन्नड़ बोलते हैं और जांच से यह भी पता चला है कि मृतक चंद्रू की उर्दू भाषा पर अच्छी पकड़ थी। आगे की जांच जारी है। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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