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पटवारी रामस्वरूप मेघवाल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

कोटा,31 मई (हि.स.)। भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय कोटा के न्यायाधीश प्रमोद कुमार मलिक ने वर्ष 2004 में नेशनल हाईवे में अवाप्त होने वाले कुए की भूमि को लाभार्थी के खाते में दर्ज करने व पद का दुरुपयोग करने के मामले में फरार आरोपी ग्राम बंबूलिया के पटवारी रामस्वरूप मेघवाल की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। सहायक निदेशक अभियोजन अशोक कुमार जोशी ने बताया कि 8 सितंबर 2014 को एसीबी चौकी बारां में परिवादी सत्यनारायण गुर्जर निवासी बंबूलिया कलां ने परिवाद पेश किया कि ग्राम बंबूलिया कलां तहसील अंता जिला बारां के खसरा नंबर 667,जो कि सरकारी कुआं व उसके पास की सरकारी भूमि चरागाह को बंबूलिया कलां के तेजकरण पुत्र केसरी लाल गुर्जर ने अपने भाई बंशीलाल व तत्कालीन पटवारी संदीप गोचर के साथ मिलकर नेशनल हाईवे के द्वारा दी जाने वाली रकम हड़पने के लालच में अपने नाम करवा कर सरकार के साथ धोखा व राजकोष का गबन किया है। उक्त कुआं बंबूलिया के महाराजा साहब ने बरसों पूर्व खुदवाया था, इस कुएं से तेजकरण सहित अन्य किसान भी अपनी जमीन में सिंचाई करते आ रहे थे,जिसका राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है,जब हाईवे निकला तो उक्त कुआ व जमीन हाईवे के दायरे में आ गई तो बंसीलाल ने उक्त सरकारी जमीन का पैसा हथियाने की योजना बनाई,उसने अपने निकट के रिश्तेदार तत्कालीन पटवारी संदीप गोचर से मिलकर अपने भाई के नाम उस जमीन को दर्ज करवा लिया व जमीन सहित कुएं का मुआवजा उठा लिया।उक्त जमीन तुरत-फुरत में क्यों खाते लग गई। यह जांच का विषय है वही, बंसीलाल ने अपने खाते की जमीन खसरा नंबर 662,जो सरकारी कुएं से सिंचित जमीन है, इसे राजस्व रिकॉर्ड में भी कुएं से सिंचित दर्शाया गया है, में फर्जी ट्यूबेल बताकर ट्यूबेल की रकम सरकार से हड़प की है, जबकि उक्त जमीन में ट्यूबेल था ही नहीं। उक्त जमीन रिकॉर्ड में कुएं से सिंचित होना दिखाई गई है ग्राम बमुलिया की आराजी खसरा नंबर 667 रखवा 0.13, 16 अक्टूबर 2004 को गजट नोटिफिकेशन में थी, सिवायचक दर्ज थी। उक्त उद्घघोषणा के उपरांत यह नियमन किया गया जो राजकोष हानि में आता है उक्त प्रकरण की जांच करवा कर सरकार के साथ धोखा करने व सरकार का पैसा हड़प करने वाले दोषी व्यक्तियों व कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही कर उक्त रकम की वसूली की जावे व उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जावे। एसीबी ने आवश्यक जांच के बाद प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया। अनुसंधान से पाया कि अभियुक्त ने अन्य अभियुक्त गण के साथ मिलीभगत कर लाभार्थी खातेदार तेजकरण गुर्जर के पक्ष में सरकारी कुएं है को दर्ज कर दिया और उसकी भूमि सरकारी कुएं से सिंचित होने के बावजूद उक्त भूमि पर ट्यूबेल स्थापित होना बताकर लाभार्थी तेजकरण को भारत सरकार से अवाप्तशुदा कुएं आदि के संबंध में ट्यूबेल बाबत 4494 रुपए व सरकारी कुएं एवं उस पर बने चबूतरे का 80784 रुपए का अनुचित मुआवजा दिलवाने में पद का दुरुपयोग किया,जबकि इससे पूर्व भारत सरकार का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका था। प्रकरण में दिगर लाभार्थी तेजकरण गुर्जर की मृत्यु हो चुकी है एवं अन्य मुल्जिमान चौथमल राठौर तत्कालीन तहसीलदार, रामप्रताप भू अभिलेख निरीक्षक, रामस्वरूप मेघवाल पटवारी के विरुद्ध अनुसंधान पेंडिंग है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनकर अभियुक्त पटवारी राम स्वरुप मेघवाल की ओर से पेश अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस मामले में 27 म ई को आरोपी पटवारी संदीप गोचर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की जा चुकी है। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश शर्मा/ ईश्वर

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