तहरीक ए तालिबान के साथ वार्ता को लेकर पाकिस्तानी अधिकारी सशंकित

pakistani-officials-apprehensive-about-talks-with-tehreek-e-taliban
pakistani-officials-apprehensive-about-talks-with-tehreek-e-taliban

काबुल, 19 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तानी अधिकारी इस बात को लेकर सशंकित है कि आतंकवादी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान पूरी तरह हथियार डालने और हिंसक गतिविधि छोड़ने पर सहमत होगा। आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें तहरीक ए तालिबान से अस्थायी राहत मिलने की उम्मीद तो है लेकिन वह पूरी तरह मुख्यधारा में आयेगा, यह देखा जाना बाकी है। पाक अधिकारियों ने कहा है कि मुख्यधारा में शामिल होने को लेकर तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान में दरार आयेगी, जिससे वह और कमजोर होगा। साल 2003 में अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के पश्चिमी इलाके में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने सिर उठाना शुरू किया था। इस आतंकवादी संगठन के हमलों में और इसे खत्म करने के लिये की गई सैन्य कार्रवाइयों में अब तक हजारों जवान और नागरिक मारे गये हैं। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के हमलों में गत साल 120 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गये हैं। जियो टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पाकिस्तानी सेना की ओर से आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद और तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई। फैज हमीद इन दिनों खबर पख्ततूनख्वा प्रांत में सेना के प्रभारी हैं। बुधवार को बातचीत के दौरान दोनों पक्ष पाकिस्तान की विभिन्न जेलों में बंद आतंकवादी संगठन के सदस्यों को रिहा करने पर सहमत हुये। जियो टीवी ने इन सभी आतंकवादियों के नाम बताये हैं और कहा है कि इन्हें रिहा किया गया है लेकिन सरकार ने इनकी रिहाई को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। तहरीक ए तालिबान संघर्षविराम पर राजी हुआ है। उसने 30 मई तक संघर्षविराम की घोषणा की है। दोनों पक्षों के बीच इस वार्ता की मध्यस्थता अफगान तालिबान का सिराजुदीन हक्कानी और अब्दुल हक कासिक करा रहा है। तहरीक ए तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से अपने हमले तेज कर दिये हैं। आतंकवादी संगठन के साथ पाकिस्तान सरकार कभी भी वार्ता को सफल अंजाम तक नहीं ले जा पायी है। पिछले साल भी दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम को लेकर सहमति बन गई थी लेकिन तहरीक ए तालिबान के आतंकवादियों को रिहा करने के मसले पर वार्ता असफल हो गई थी। इस बीच 14 मई को उत्तरी वजीरीस्तान जिले में एक सैन्य वाहन पर किये गये आत्मघाती हमले में छह लोग मारे गये हैं। --आईएएनएस एकेएस/एमएसए

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in