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एकतरफा जांच के आरोपों पर दिल्ली पुलिस प्रमुख ने कहा, किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा

नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा की जांच एकतरफा होने और केवल एक विशेष समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाए जाने के सभी आरोपों का खंडन करते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि पुलिस किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रही है। आयुक्त ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, जांच के दौरान, अगर हमें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सबूत मिलते हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे और उन्हें गिरफ्तार करेंगे, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म के हों। हम किसी के साथ भेदभाव नहीं कर रहे हैं। अब तक गिरफ्तार किए गए 23 लोग दोनों समुदायों के हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई सांप्रदायिक हिंसा की हर संभव कोण से जांच की जाएगी। आयुक्त ने कहा, मामले की सभी कोणों से जांच की जाएगी और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंसा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने बताया कि स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट को सभी डिजिटल सबूतों का विस्तृत विश्लेषण करने और इसमें शामिल संदिग्धों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का काम दिया गया है। विशेष रूप से, मामला औपचारिक रूप से दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने कहा, अपराध शाखा ने लगभग 14 टीमों का गठन किया है जो सभी कोणों से घटना की जांच करेगी। उन्होंने कल से जांच शुरू कर दी है और हम जांच के दौरान नियमित रूप से अपडेट साझा करेंगे। एक विशेष राजनीतिक दल के साथ आरोपी अंसार के संबंध पर बोलते हुए, आयुक्त ने कहा कि पुलिस सबूतों से चलती है। अस्थाना ने कहा, हम घटना में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उचित और प्रभावी कानूनी कार्रवाई करेंगे और हमारी जांच अदालत की जांच के अधीन है, इसलिए कोई भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया के जरिए कुछ लोग स्थिति को सामान्य होने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। आयुक्त ने कहा, हम सोशल मीडिया पर लगातार नजर रख रहे हैं और यदि आवश्यक हुआ तो गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच के अलावा, दिल्ली पुलिस ने 20 से अधिक शांति समितियों, यानी अमन समितियों से भी बात की है। उन्होंने कहा, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि केवल मुट्ठी भर असामाजिक तत्वों के कारण आम नागरिक को नुकसान न हो। हमने यह पहले भी देखा है कि इस तरह की घटनाओं में केवल असामाजिक तत्व भाग लेते हैं, आम आदमी का ऐसे गतिविधियों से कोई संबंध नहीं होता है। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम

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