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एनआईए 2019 में बीरभूम जिले में हुए दोहरे विस्फोटों की जांच करेगी : कलकत्ता हाईकोर्ट

कोलकाता, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को एक विशेष अदालत के आदेश को बरकरार रखा और 2019 में बीरभूम जिले में हुए दोहरे विस्फोटों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति बिवास पटनायक की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को भी मामले से संबंधित सभी दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया। इसके अलावा सीआईडी को जांच में केंद्रीय एजेंसी को सभी आवश्यक सहयोग देने का निर्देश दिया। 29 अगस्त 2019 को बीरभूम जिले के रंगुनी गांव में हैतुनेसा खातून के घर में विस्फोट हुआ था। दूसरा विस्फोट 20 सितंबर 2019 को इसी जिले के गंगपुर गांव में बबलू मंडल के घर में हुआ था। शुरुआत में जांच सीआईडी कर रहा था, लेकिन बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली। हालांकि, केंद्रीय एजेंसी ने बाद में एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि सीआईडी के अधिकारियों ने मामले से संबंधित दस्तावेज एनआईए को सौंपने से इनकार कर दिया। विशेष अदालत ने सीआईडी को दस्तावेजों को एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने विशेष अदालत के आदेश को बरकरार रखा और सीआईडी को मामले से संबंधित सभी दस्तावेज केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि कानून के अनुसार, किसी भी राज्य की जांच एजेंसी को एनआईए को एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है, जिसके पास प्रारंभिक रिपोर्ट के निष्कर्षो को स्वीकार करने का विशेषाधिकार है। हालांकि, अदालत ने कहा कि दोहरे विस्फोटों के मामले में एनआईए को ऐसी कोई प्रारंभिक रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी। खंडपीठ ने यह भी कहा कि चूंकि एनआईए का अधिकार क्षेत्र किसी भी राज्य एजेंसी की तुलना में बहुत विस्तृत है, इसलिए दोहरे विस्फोट मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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