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बाइक-बोट स्कीम में निवेश के नाम 42 हजार करोड़ से अधिक की ठगी, गिरफ्तार

नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। बाइक-बोट स्कीम में निवेश के नाम पर देशभर के लोगों से 42 हजार करोड़ से अधिक की ठगी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसके दो और निदेशकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान रामा मंडी, जालंधर, पंजाब निवासी रविंदर और इसकी पत्नी गीता (बदला हुआ नाम) के रूप में हुई है। दोनों पहले से गौतमबुद्ध नगर की जिला जेल में बंद थे। मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा ने अपने केस में दोनों की औपचारिक गिरफ्तारी जेल से ही की। अब दोनों पति-पत्नी से पूछताछ कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि मामले में पुलिस अब तक गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के 18 निदेशकों व अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के संयुक्त आयुक्त डॉ. ओपी मिश्रा ने बताया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल) के संजय भाटी व अन्यों के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 42 हजार करोड़ ठगी की हजारों शिकायतें दर्ज हुई थीं। कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस चिटी-दादरी, गौतमबुद्ध नगर में था। आरोपियों ने 62 हजार रुपये बाइक स्कीम में निवेश करने पर हर माह एक साल तक 9500 रुपये देने का वादा किया। शुरूआत में इन लोगों ने निवेशकों का विश्वास जितने के लिए रुपये दिए भी। इसके बाद जनवरी 2019 में ई-बाइक की स्कीम लोंच की। जिसमें 1.24 लाख निवेश करने पर हर माह एक साल तक 17 हजार रुपये देने का वादा किया गया। देशभर के लाखों लोगों ने इसमें निवेश किया। बाद में कंपनी के निदेशक व अन्य अधिकारी रातों-रात गायब हो गए। अलग-अलग राज्यों में मामले दर्ज हुए। दिल्ली में भी आठ हजार से ज्यादा शिकायतें मिलीं, जिसमें 250 करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई थी। आर्थिक अपराध शाखा, प्रवर्तन निदेशालय ने व कई राज्यों की पुलिस ने इस संबंध में मामले की जांच की। छानबीन के बाद कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार करना शुरू किया। निवेशकों के रुपयों से खरीदी गई प्रॉपर्टी को जब्त किया गया। छानबीन के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने अपने एक केस में मंगलवार को रविंदर और उसकी पत्नी गीती को गिरफ्तार कर लिया। अब दोनों से पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी-hindusthansamachar.in

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