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स्मारक घोटाला : लखनऊ विजिलेंस ने मीरजापुर के दो खदान पट्टाधारकों को किया गिरफ्तार

मीरजापुर, 28 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर मायावती सरकार के शासनकाल 2013 में हुए स्मारक घोटाले का जिन्न बाहर निकल आया है। मामले की जांच कर रही विजिलेंस टीम ने घोटाले में शामिल दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ़्तार दोनों आरोपित रमेश कुमार व किशोरीलाल अहरौरा के पत्थर खदानों के पट्टेदार हैं। 2007 में लखनऊ में बने स्मारक में जनपद से पत्थर सप्लाई किया गया था। इसमें मानक के विपरीत कीमत पर पत्थर सप्लाई करने का आरोप है। सोमवार को गिरफ्तार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। थानाध्यक्ष अहरौरा अजित श्रीवास्तव ने बताया कि अहरौरा, अदलहाट व चुनार थाना क्षेत्र में स्मारक घोटाले में विजिलेंस की जांच में दो दर्जन से अधिक आरोपित बनाए गए हैं। आरोपितों का नाम उजागर होते ही पुलिस व विजिलेंस की संयुक्त टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है। शनिवार को लखनऊ विजिलेंस निरीक्षक अतुल सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम ने अहरौरा में दबिश दिया। इस दौरान दो आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई थी जबकि अन्य आरोपित पकड़ से दूर हो गए। चार पूर्व इंजीनियर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है टीम सपा शासनकाल में विजिलेंस की टीम ने स्मारक घोटाले को उजागर करते हुए 19 नामजद अधिकारियों को आरोपी बनाते हुए गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी जांच अभी तक चल रही है। टीम ने तीन माह पूर्व चार पूर्व इंजीनियर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। गिरफ्त में आए आरोपितों को अभी तक जमानत नहीं मिल सकी है। इडी भी कर चुकी है जांच स्मारक घोटाले की जांच विजिलेंस के साथ ही इडी भी कर चुकी है। स्मारक घोटाले के आरोपितों से पूर्व में कई बार पूंछताछ की गई थी। इसके बाद पत्थर सप्लाई करने वालों को भी आरोपित बनाया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त

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