loss-of-about-2-thousand-crores-due-to-floods-in-mp-central-team-reached-for-assessment
loss-of-about-2-thousand-crores-due-to-floods-in-mp-central-team-reached-for-assessment

मप्र में बाढ़ से करीब 2 हजार करोड़ का नुकसान, आकलन के लिए पहुंचा केंद्रीय दल

भोपाल, 17 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि एवं बाढ़ ने बड़ी तबाही मचाई है। गांव के गांव बर्बाद हो गए है। निजी से लेकर सरकारी संपत्ति केा नुकसान हुआ है। शुरुआती जो ब्यौरा सामने आया है उसके अनुसार इस बाढ़ ने लगभग दो हजार करोड़ की संपत्ति केा नुकसान पहुॅचाया है। वास्तविक आंकलन के लिए केंद्रीय दल बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 31 जुलाई से छह अगस्त की अवधि में ग्वालियर और चंबल संभाग के आठ जिलों ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, दतिया, अशोक नगर, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना और भोपाल संभाग के विदिशा जिले सहित कुल नौ जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से शासकीय और जन-संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। सरकारी ब्यौरे के अनुसार, बाढ़ प्रभावित नौ जिलों के दो हजार 444 गाँव बाढ़ एवं अति वृष्टि से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार एक लाख एक हजार 669 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। लगभग 57 हजार 527 घर बाढ़ में बह गए अथवा पूरी तरह से नष्ट हुए। इसके अलावा 1735 करोड़ 50 लाख रुपए की शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचा। इसमें शासकीय भवन, सड़क, बिजली प्रदाय अधोसंरचना, वन, पुल, बांध सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं। इसके अलावा राशन वितरण की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों सहित लगभग दो करोड़ 50 लाख से अधिक मूल्य का खाद्यान्न बाढ़ के पानी से खराब हो गया। वेयर हाउस में सुरक्षित रखा खाद्यान्न भी बड़ी मात्रा में बाढ़ से प्रभावित हुआ। कुल मिलाकर लगभग दो हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। इस बाढ़ की विभीषिका के दौरान युद्ध स्तर पर चलाए गए राहत और बचाव कार्यो से इन जिलों के 9334 पीड़ितों को रेस्क्यू किया गया और 32 हजार 960 लोगों को बाढ़ में घिरे उनके आवासों से सुरक्षित निकाला गया। इनके लिए 161 राहत शिविरों बनाए गए जिनमें कुल 21 हजार 555 लोगों को रखा गया। राहत और बचाव कार्यों में सेना के छह कॉलम, एयर फोर्स के छह हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। इसके अलावा एनडीआरएफ की आठ यूनिट, एसडीइआरएफ की 29 टीम, होमगार्ड की 61 टीम, अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित सभी नौ जिलों के पुलिस बल और 478 नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवक की मदद ली गई। वर्तमान में अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भौतिक अधोसंरचना की क्षति का विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है। फसल क्षति के आंकलन के लिए अंतविभार्गीय टीमें गठित की गई हैं। कपड़ों, बर्तन और आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों के लिए अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा रहा है। वहीं क्षति का आकलन करने के लिए अंर्तमंत्रालयीन केन्द्रीय अध्ययन दल केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुनील कुमार बर्नवाल के नेतृत्व में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है। अध्ययन दल में बर्नवाल के साथ अभय कुमार, मध्यप्रदेश के कृषि संचालक डॉ. ए.के. तिवारी, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री मनोज तिवारी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय जयपुर के क्षेत्रीय अधिकारी डी.के. शर्मा एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के अवर सचिव आर .के. श्रीवास्तव शामिल हैं। इस अध्ययन दल को दो भागों में बांटा गया है, इसमें से प्रथम दल ने ग्वालियर संभाग के डबरा-चांदपुर, दतिया जिले के कोटरा, सुनाती, अन्डोरा, खरोनाघाट का दौरा किया। दूसरे दल ने सबलगढ़ के श्यामपुर, ओछापुरा, ढोढर, मानपुर एवं श्योपुर का निरीक्षण किया। --आईएएनएस एसएनपी/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in