
नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में सुरंग ढहने की घटना की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जिसमें 10 श्रमिकों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। गुरुवार देर रात (19 मई) की रात सुरंग के अंदर घुसने के तुरंत बाद एक बचाव अभियान शुरू किया गया था। इससे पहले कि मजदूरों को निकाला जा सके, अचानक एक विशाल चट्टान भी गिर गई, जिससे 12 मजदूर वहीं फंस गए। दो श्रमिकों को तुरंत बचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। बीच-बीच में पत्थरबाजी और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में बाधा आई। अधिकारियों ने बताया कि मलबे से सभी 10 लापता लोगों के शव निकाले जाने के बाद शनिवार को बचाव अभियान पूरा हुआ। सेना, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सिविल क्यूआरटी, और एनएचएआई के साथ-साथ मशीन ऑपरेटरों द्वारा संयुक्त बचाव अभियान चलाया गया। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि घटना वहां चल रहे काम को लेकर हुई या प्राकृतिक कारणों से। एक अधिकारी ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा 3 स्वतंत्र प्रख्यात विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है जो पहले ही पतन के कारणों और उपचारात्मक उपायों की जांच के लिए साइट पर जा चुकी है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एनएचएआई ने ऐसी आपात स्थिति को संभालने के लिए पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्थिति और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए हर संभव उपाय करना। रामबन बनिहाल खंड के डिगडोले और खूनी नाला के बीच का खंड अक्सर भूस्खलन का शिकार होता है। रामबन बनिहाल खंड में तीन पैकेज के तहत सुरंगें प्रस्तावित हैं। जम्मू श्रीनगर राजमार्ग पर डिगडोल से पंथ्याल तक 4 लेन में जुड़वां ट्यूब सुरंग का काम पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम में सीगल इंडिया लिमिटेड को दिया गया था। निर्माण कार्य एक फरवरी से शुरू हुआ था। --आईएएनएस एसजीके