inspection-after-frequent-accidents-in-south-tamil-nadu39s-firecracker-factories
inspection-after-frequent-accidents-in-south-tamil-nadu39s-firecracker-factories

दक्षिण तमिलनाडु के पटाखा कारखानों में लगातार हादसों के बाद निरीक्षण

चेन्नई, 30 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु का अग्नि विस्फोटक विभाग दक्षिण तमिलनाडु में विरुधुनगर, डिंडीगुल और तिरुनेलवेली जिलों में कारखानों में निरीक्षण कर रहा है, जिसमें लगातार विस्फोटों के कारण कई श्रमिकों की मौत और कई घायल हो गए। आतिशबाजी सामग्री बनाते समय लापरवाही के कारण 2022 की शुरुआत से अब तक सात से अधिक लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। फायर एंड एक्सप्लोसिव डिपार्टमेंट, जो तमिलनाडु में कारखानों को लाइसेंस प्रदान करने वाली नोडल एजेंसी है, इन फैक्ट्रियों का निरीक्षण कर रहा है। टीम के सूत्रों ने आईएएनएस से कहा, हम इन पटाखा कारखानों में नियमित रूप से निरीक्षण करते हैं, लेकिन उचित मार्गदर्शन के बाद भी अधिकांश कारखानों के मालिक सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं। हमने दोषी कारखाना मालिकों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अगर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता है तो कारखानों को सील कर दिया जाएगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शिवकाशी, जिसे भारतीय आतिशबाजी उद्योग की राजधानी माना जाता है और प्रतिवर्ष 1,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करता है, में कई कारखाने हैं, जिनका रखरखाव खराब है और कई लोग पहले की दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं। आतिशबाजी कंपनियों के कर्मचारियों के नेता एम. शिवरामकृष्णन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, अग्नि और विस्फोटक विभाग नियमित निरीक्षण कर रहा है, लेकिन सख्त अनुवर्ती कार्रवाई होनी चाहिए और जो भी दुर्घटना होती है उसके लिए मालिकों को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। कारखाने के परिसर और मालिकों से भारी मुआवजा निकाला जाना चाहिए। इससे श्रमिकों के लिए उचित बीमा कवरेज के साथ-साथ उन्हें ईपीएफ और वेतन बोर्ड के तहत लाने सहित अधिक सुविधाएं मिलेंगी। बहुत सी चीजों को सुव्यवस्थित करना होगा और श्रमिकों की सुरक्षा करना होगा। प्रमुख महत्व का है और अगर इन कारखानों में कुछ दुर्घटनाएं होती हैं तो मालिकों को कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, कार्यकर्ता खुश नहीं हैं और आर.के. विरुधुनगर में एक मध्यम आतिशबाजी कारखाने के एक कर्मचारी श्रीरंगपाणि ने आईएएनएस को बताया, ज्यादातर मामलों में मालिक और उसके परिवार की भी जान चली जाती है। इन कारखानों को को उचित बीमा कवरेज के तहत लाया जाना चाहिए। औद्योगिक कानून ही एकमात्र रास्ता है और कुछ प्रमुख कारखानों को छोड़कर, अधिकांश कारखाने पति, पत्नी और बच्चों सहित पूरे परिवारों द्वारा चलाए जाते हैं। अग्निशमन और विस्फोटक विभाग के सूत्रों ने कहा कि वे एक विस्तृत निरीक्षण कर रहे हैं और भविष्य में किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए आतिशबाजी कारखानों के सुरक्षा पहलू में सभी कोणों को ठीक से नोट कर रहे हैं। --आईएएनएस एसजीके

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in