gujarat-police-seizes-counterfeit-goods-worth-rs-125-crore-in-last-2-years
gujarat-police-seizes-counterfeit-goods-worth-rs-125-crore-in-last-2-years

गुजरात पुलिस ने पिछले 2 वर्षों में 12.5 करोड़ रुपये का नकली सामान जब्त किया

नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। गुजरात में लग्जरी ब्रांड के लोगो वाले डुप्लिकेट सनग्लासेस (धूप के चश्मे) की बड़ी खेप पकड़ी गई है, जिसकी कीमत 6 करोड़ रुपये आंकी गई है। गुजरात में सीआईडी (अपराध और रेलवे) के पुलिस उप महानिरीक्षक सौरभ तोलुम्बिया ने यह जानकारी दी। इसे राज्य की हाल ही में सामने आई सबसे बड़ी जब्ती बताया जा रहा है। अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली तस्करी और नकली सामानों से जुड़ी जालसाजी गतिविधियों के खिलाफ गठित फिक्की की समिति (कैसकेड) द्वारा आयोजित जालसाजी और तस्करी की रोकथाम पर पुलिस अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, तोलुम्बिया ने कहा, पिछले 2 वर्षों में 46 कॉपीराइट मामले सामने आए हैं और गुजरात पुलिस 12.5 करोड़ रुपये के नकली सामान को जब्त करने में कामयाब रही है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने 3 करोड़ 31 लाख रुपये से अधिक की हाई-एंड ब्रांड (उच्च श्रेणी की) घड़ियां और 83 लाख रुपये की नकली मोबाइल एक्सेसरीज जब्त की हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और फिक्की कैसकेड के सलाहकार पी. सी. झा ने कहा, जालसाजी और तस्करी की अवैध गतिविधियां बाजार में घटिया नकली सामानों की बाढ़ ला रही हैं, जो गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना अस्वच्छ स्थानों पर उत्पादित किए जाते हैं। ये सामान बिल जारी किए बिना बेचे जाते हैं और इस प्रकार यह बेहिसाब धन (अनअकाउंटेड मनी) में वृद्धि में योगदान करता है। उन्होंने कहा कि नकली और तस्करी के सामानों के व्यापार ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है और बड़े पैमाने पर समाज के लिए गंभीर सुरक्षा और खतरा पैदा कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात पुलिस के बहादुर पुलिस अधिकारियों ने पिछले कुछ महीनों में नकली मुद्रा, अवैध शराब, तस्करी की सिगरेट, नकली इंजेक्शन और ड्रग्स के अवैध धंधे में लिप्त अपराधियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की हैं। पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त, नई दिल्ली और फिक्की कैसकेड के सलाहकार दीप चंद ने जालसाजी और तस्करी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पर बात करते हुए अवैध व्यापार के वैश्विक अनुमानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तस्करी और जालसाजी के कारण व्यापक सामाजिक, निवेश और आपराधिक प्रवर्तन लागत 2022 तक 4.2 खरब डॉलर तक पहुंच सकती है, जिससे 54 लाख वैध नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि हाल के अध्ययन के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 में, भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच प्रमुख क्षेत्रों में तस्करी के कारण 1.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और काफी आजीविका के अवसरों का भी नुकसान हुआ है। आईटीसी लिमिटेड के उद्योग मामलों के उपाध्यक्ष प्रदीप दीक्षित ने कहा, तस्करी और नकली सामान से जुड़ी जालसाजी काला बाजार (ब्लैक मार्केट्स) का विस्तार करती है और संगठित अपराध, आतंकवादी समूहों और अन्य खतरे वाले नेटवर्क को बढ़ावा देती है। दीक्षित ने कहा कि बढ़ते अवैध व्यापार के खतरों को कम करने के लिए उपभोक्ताओं के बीच जन जागरूकता पैदा करना जरूरी है। अमेजन इंडिया में सीनियर पॉलिसी मैनेजर (कस्टमर ट्रस्ट), नितिन सलूजा ने बाजार में उन धोखाधड़ी और दुरुपयोग को कम करने के लिए अमेजन के प्रयासों के बारे में चर्चा की, जो ग्राहकों के विश्वास में बाधा डालते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे अमेजन अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से अपने स्थापित सिद्धांतों को पूरा करने के लिए और अपने बाजार को ग्राहकों, ब्रांडों और विक्रेताओं के लिए लेनदेन करने के लिए एक विश्वसनीय और सुरक्षित मंच बनाने के लिए भारी संसाधनों का उपयोग करता है। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in