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सीबीआई के जाल में फंसा 14 साल से फरार भगोड़ा

नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। सीबीआई ने भगोड़ा घोषित किए जाने के 14 साल बाद 2003 और 2004 में एक तेंदुआ और एक बाघिन की हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जानवरों को मारने के बाद आरोपियों ने उनकी खाल बेच दी। उसके सहयोगी को 2019 में गिरफ्तार किया गया था और उसे इस मामले में दोषी ठहराया गया था, जबकि मुख्य आरोपी फरार था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान राजस्थान के दौसा जिले के निवासी बाल्या बावरिया के रूप में हुई है। उसे दौसा जिले के मालवास से गुप्त सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी ने कहा, वह 2008 से फरार था। उसने दो जंगली जानवरों - एक बाघिन और एक तेंदुआ - को मार डाला और उनकी खाल बेच दी। शुरू में राजस्थान पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे, लेकिन बाद में राज्य सरकार और केंद्र के अनुरोध पर सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली। पहला मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि 2004 में सरिस्का नेशनल पार्क के कालीघाटी के जंगल में एक बाघिन को आरोपी ने बंदूक से मार डाला था। इसके बाद आरोपी ने बाघिन की खाल को 50 हजार रुपये में बेच दिया। दूसरा मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि 2003 में आरोपी ने अलवर के जंगल में इसी तरह के तरीके से एक नर पैंथर को मार डाला था और उसकी खाल 1,800 रुपये में बेच दी थी। अधिकारी ने कहा, आरोपी और उनके सहयोगी जयपुर में अदालत के समक्ष पेश नहीं हो रहे थे। उन्हें भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था और 2008 में उनके खिलाफ एक गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। एक आरोपी को 2019 में गिरफ्तार और दोषी ठहराया गया था। दूसरा आरोपी (बावरिया) गिरफ्तारी से बच रहा था। जयपुर की अदालत में पेश करने के बाद बावरिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। --आईएएनएस एचके/एएनएम

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