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विदेशी कंपनियों से कारोबार के नाम पार्टनर से करोड़ो की ठगी

नई दिल्ली, 13 मार्च (हि.स.)। विदेशी कंपनियों से कारोबार के नाम पर अपने पार्टनर से 8.50 करोड़ (11.95 यूएस डॉलर) की ठगी करने के आरोप में फरार चल रहे एक आरोपित को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गोमती नगर, लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपित की पहचान तेज बहादुर रॉय उर्फ टीबी रॉय (51) के रूप में हुई है। टीबी रॉय ने टेक्सटाइल से इंजीनियरिंग की हुई है। फिलहाल उसके खिलाफ ठगी के अलावा चेक बाउंस के कुल 39 मामले दर्ज हैं। वर्ष 2006 से वह फरार था। अलग-अलग पांच मामलों में टीबी रॉय को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया हुआ था। फिलहाल आरोपी मध्य प्रदेश और यूपी के सोनभद्र में माइन चला रहा था। हजरतगंज, लखनऊ में रामेश्वरम माइंस के नाम से इसका रजिस्टर्ड ऑफिस भी है। अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि वर्ष 2003 में आरोपित टीबी रॉय ने दिल्ली के सरोजनी नगर निवासी अश्विनी दीवान से 11.95 यूएस डॉलर ठग लिये थे। आरोपित ने अश्विनी को झांसा दिया कि उसने एक विदेशी कंपनी से घरेलू सामान भेजने का बड़ा ऑर्डर मिला है। इतना बड़ा ऑर्डर वह अकेले पूरा नहीं कर सकता है। आरोपित ने विदेशों में सामान भेजने के नाम पर अश्विनी से साढ़े आठ करोड़ से अधिक की रकम ठग ली। टीबी रॉय ने ललिल मिश्रा और संजय तिवारी नामक लोगों के साथ मिलकर कई फर्जी कंपनियों में रुपये इधर से उधर कर गायब कर दिए। पीड़ित अश्विनी की शिकायत पर सरोजनी नगर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ। इस मामले में कोर्ट ने 12 दिसंबर 2013 को टीबी रॉय को भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपित टीबी रॉय के खिलाफ इसी तरह के कई मामले लाजपत नगर, कृष्णा नगर, कालकाजी, न्यू फ्रेंड्स कालोनी और गोविंदपुरी थाने में दर्ज हैं। लोकल पुलिस के अलावा अपराध शाखा की टीम ने भी आरोपित की तलाश शुरू की। एसीपी अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार, एसआई अरुण सिंघु व अन्यों की टीम ने आरोपित की जानकारी जुटाना शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपित गोमती नगर, लखनऊ में छिपा हुआ है। पुलिस की टीम ने शुक्रवार को गोमती नगर से आरोपित टीबी रॉय को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपित ने बताया कि दिल्ली के कालजी एक्सटेंशन में उसका अपना फ्लैट है। वह चौलापुर, वाराणासी का रहने वाला है। पोस्ट ग्रेजुएशन करने के अलावा टीबी रॉय ने टेक्सटाइल से इंजीनियरिंग की है। 2006 के बाद से वह कभी किसी कोर्ट में पेश नहीं हुआ। फिलहाल वह मध्य प्रदेश और सोनभद्र यूपी में मान्य चला रहा था। हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी

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