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फर्जी यौन उत्पीड़न मामला: चार्जशीट में एयर इंडिया के अधिकारी, सोना तस्करी मामले की आरोपी स्वप्ना का नाम शामिल

तिरुवनंतपुरम, 10 फरवरी (आईएएनएस)। एयर इंडिया के तत्कालीन राष्ट्रीय वाहक की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सदस्य, (जिसे 2015 में कमीशन किया गया था) ने अपने एक वरिष्ठ के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की जांच की है। सोने की तस्करी की आरोपी स्वप्ना सुरेश और अन्य के साथ अब इस मामले में स्टाफ के सदस्यों को आरोपी बनाया गया है। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट यहां की एक निचली अदालत में दायर की गई है। पहला आरोपी बिनॉय जैकब है, फिर त्रिवेंद्रम में एयर इंडिया एसएटीएस का शीर्ष अधिकारी, दूसरा आरोपी स्वप्ना सुरेश है, जो एयर इंडिया एसएटीएस की एचआर मैनेजर थी। एयर इंडिया के जिन अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें तत्कालीन आईसीसी अध्यक्ष उमा माहेश्वरी (सेवानिवृत्त-कार्यकारी निदेशक), सत्य सुब्रमण्यम, उप महाप्रबंधक (सेवारत), आरएमएस राजन (सीनियर असिस्टेंट जीएम- अब सेवानिवृत्त) और अलीना विनीत (प्रबंधक त्रिवेंद्रम अब सेवा कर रहे हैं) शामिल हैं। एयर इंडिया आईसीसी की बाहरी सदस्य श्रीजा शशिधरन भी आरोपी हैं। एल एस सिबू, (एक यूनियन नेता और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के ग्राउंड सेवा विभाग में कार्यरत) ने 2014 में, हवाई अड्डे पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था और उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो, केंद्रीय सतर्कता (विजिलेंस) आयोग और प्रधानमंत्री के ध्यान में लाने की मांग की थी। इसके तुरंत बाद सिबू के खिलाफ एक लिखित शिकायत सामने आई, जहां एयर इंडिया एसएटीएस की 17 महिला कर्मचारियों ने कहा कि उसने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। यह शिकायत एयर इंडिया, चेन्नई के शीर्ष अधिकारियों को भेजी गई थी। इस शिकायत के आधार पर, उन्हें अप्रैल 2015 से प्रभावी हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। सिबू, उनकी पत्नी और बेटी की कई दलीलों के बावजूद कि यह एक झूठा और मनगढ़ंत मामला है, एयर इंडिया ने इस पर गौर नहीं किया और मामले को आगे बढ़ाया। क्राइम ब्रांच मामले के जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि उनकी विस्तृत जांच से पता चला है कि यह शिकायत फर्जी थी। हमारी जांच से पता चला है कि एयर इंडिया आईसीसी ने 2015 में यहां एयर इंडिया एसएटीएस के कार्यालय में बैठक की थी। उस बैठक में आईसीसी ने पार्वती साबू के नाम पर एक बयान दर्ज किया था, लेकिन यह एक प्रतिरूपित गवाह नीतू मोहन द्वारा किया गया था। पहले और दूसरे आरोपी द्वारा पेश किया गया। नीतू इस मामले में पांचवीं आरोपी है। कुमार ने कहा, हमारी आगे की जांच में, यह पता चला है कि आईसीसी ने अन्य गवाहों के बयान लिए थे, जिनके पहचान पत्र और इस तरह के विवरण का सत्यापन किया गया था और दायर किया गया था। लेकिन आईसीसी ने साबू के विवरण की पुष्टि नहीं की। हालांकि उनकी पोस्टिंग अभी भी हैदराबाद में है, लेकिन इस चार्जशीट के साथ सिबू और उनके परिवार ने राहत की सांस ली है। स्वप्ना सुरेश एयर इंडिया एसएटीएस में कार्यरत थीं, लेकिन सिबू की शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा अपनी पहली जांच शुरू करने के बाद, 2015 में नौकरी छोड़ दी। आगामी अपराध शाखा की जांच ने स्वप्ना सुरेश के खिलाफ गढ़े हुए यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य आरोपी होने के सबूतों का पता लगाया और पिछले साल एक विस्तृत पूछताछ के बाद, उसकी गिरफ्तारी दर्ज की गई। यह तब हुआ जब वह सोने की तस्करी के मामले में जेल में थी। स्वप्ना सुरेश को एनआईए ने जुलाई 2020 में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था, जब उनके पूर्व सहयोगी यहां यूएई वाणिज्य दूतावास में कार्यरत थे, पी.एस. सरित को 5 जुलाई, 2020 को वाणिज्य दूतावास के लिए नियत राजनयिक सामान में सोने की तस्करी के आरोप में सीमा शुल्क द्वारा गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के समय, वह मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के कार्यालय से जुड़ी एक आईटी से संबंधित फर्म में उंची पद पर कार्यरत थी। सोने की तस्करी के मामले में वरिष्ठ नौकरशाह एम. शिवशंकर को भी गिरफ्तार किया गया था, जो विजयन के प्रधान सचिव थे। वो अब जमानत पर बाहर हैं और उन्हें बहाल कर दिया गया है। --आईएएनएस एचके/आरजेएस

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