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दिल्ली अग्निकांड : इमारत के मालिक समेत 3 लोग गिरफ्तार (लीड-1)

नई दिल्ली, 15 मई (आईएएनएस)। मुंडका में 13 मई को एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां इमारत में भीषण आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने रविवार को कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान इमारत के मालिक मनीष लाकड़ा और कोफे इम्पैक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक फर्म के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल के रूप में हुई है। अब तक 27 शवों में से केवल आठ की ही पहचान हो पाई है। मृतकों की पहचान तानिया भूषण, मोहिनी पाल, यशोदा देवी, रंजू देवी, विशाल, दृष्टि, कैलाश ज्ञानी और अमित ज्ञानी के रूप में हुई है। अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर शव इस हद तक जल गए थे कि यह भी पता लगाना मुश्किल था कि जले हुए शरीर पुरुष के हैं या महिला के। हालांकि, घटना के दो दिन बाद चिकित्सकों ने पाया है कि 27 मृतकों में से 14 महिलाएं और तीन पुरुष थे। अज्ञात शवों को मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है। पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने कहा, हमने बाकी शवों के डीएनए नमूने एकत्र किए हैं। जैसे ही डीएनए मिलान पूरा हो जाएगा, हमें उनकी पहचान का पता चल जाएगा। इसमें 4-5 दिन और लग सकते हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, उस दिन, उक्त कंपनी द्वारा एक सेल्स मोटिवेशनल कार्यक्रम आयोजित किया गया था और लगभग 4 बजे, सभी कर्मचारी दूसरी मंजिल पर थे। अचानक आग लगने के कारण कई लोग फंस गए और बाहर नहीं निकल सके, क्योंकि वहां इमारत के अंदर बहुत अधिक धुआं हो गया था और इमारत के पीछे की ओर केवल एक निकास बिंदु है। बचाव अभियान के दौरान पुलिस, दमकल विभाग और स्थानीय लोगों ने संयुक्त रूप से 50-60 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला था। बाद में, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 120 (कैद के साथ दंडनीय अपराध करने के लिए डिजाइन छुपाना) और 34 (कई लोगों द्वारा समान इरादे से कोई आपराधिक कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की। घटना के एक दिन बाद हरीश गोयल और वरुण गोयल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन इमारत का मालिक मनीष लाकड़ा फरार था। इसके बाद, एक पुलिस दल का गठन किया गया, जिसने उसके स्थानों पर नजर रखी और लाकड़ा को हरियाणा-दिल्ली सीमा के पास पश्चिमी दिल्ली के घेवरा मोड़ से गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि घटना के समय लाकड़ा अपने घर के सबसे ऊपरी मंजिल पर मौजूद था। डीसीपी समीर शर्मा ने कहा, जब उसे लगा कि धुआं आ रहा है, तो वह तुरंत सब कुछ छोड़कर इमारत से बाहर निकल गया। वह वहां अपनी पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ 2-बीएचके के फ्लैट में रह रहा था। लाकड़ा ने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर तोड़ दिया था, ताकि उसे ट्रेस ना किया जा सके। डीसीपी ने कहा, हालांकि, हमने लगातार उसके दोस्तों और परिवार के सदस्यों पर दबाव डाला, जिससे आखिरकार उसकी लोकेशन का खुलासा हो गया। लाकड़ा ने खुलासा किया कि वह हरियाणा के एक मंदिर में रुका था और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए रात में वहीं सोया था। पुलिस अधिकारी ने कहा, जब हमने उसे गिरफ्तार किया, तो वह हरिद्वार भागने की कोशिश कर रहा था। फरार रहने के दौरान उसने अपने एक दोस्त से पैसे भी लिए थे। उसकी पत्नी और मां अभी भी लापता हैं। डीसीपी ने कहा कि पुलिस लाकड़ा से पूछताछ कर रही है। --आईएएनएस एचके/एसजीके

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