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चक्रवात तौकते: कोझिकोड से समुद्र में गए 15 मछुआरे लापता

तिरुवनंतपुरम, 16 मई (आईएएनएस)। कोझीकोड के बेपोर बंदरगाह से पांच मई को समुद्र में उतरे कम से कम 15 मछुआरे लापता हैं। ये सभी तमिलनाडु के मूल निवासी हैं। 5 मई को बेपोर के तट से रवाना हुई अजमीर शा नाव लापता है और नाव पर सवार किसी भी मछुआरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसी बीच एक अन्य नाव जो उसी समय बेपोर से समुद्र में गई थी, उसके इंजन में कुछ यांत्रिक खराबी के कारण वो गोवा तट पर पहुंच गई है। इस नाव मिलाद-3 में तमिलनाडु के 15 लोग भी हैं और ये सभी गोवा से 7 समुद्री मील की दूरी पर हैं। मछुआरों के संगठनों ने तटरक्षक बल और नौसेना से तत्काल बचाव अभियान शुरू करने की अपील की है। फिशिंग बोट ओनर्स एसोसिएशन के राज्य महासचिव कीलारी प्रेमन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हमने तटरक्षक, भारतीय नौसेना और राज्य सरकार से लापता मछुआरों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने की अपील की है। मछुआरों या उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। नाव, अजमीर शाह जो बेपोर बंदरगाह से मछली पकड़ने गई थी। आईएमडी के अधिकारियों के अनुसार, चक्रवात तौकते केरल तट से आगे बढ़ गया है और गुजरात को छूने की संभावना है। राज्य में गरज-चमक के साथ बेमौसम बारिश का सिलसिला जारी है। राज्य में भारी बारिश के कारण दो लोगों के मारे जाने की खबर है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक मृतकों के नाम और अन्य विवरणों की पुष्टि नहीं की है। कोविड -19 अपने चरम पर है और राज्य में भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों को बारिश प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वास में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैष स्थानीय पुलिस, जनप्रतिनिधि और अन्य अधिकारी राहत और बताव की पूरी कोशिश कर रहे हैं। पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एनार्कुलम और त्रिशूर जिलों के लोगों की याद में 2018 की भारी बाढ़ अभी भी बरकरार है। भारी बारिश और बाढ़ ने 483 लोगों की जान ले ली और कई घायल हो गए थे। कई लोगों ने अपने घर और सामान खो दिए थे और लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या राज्य में फिर से बाढ़ आएगी। त्रिशूर जिला कलेक्टर पहले ही पेरिंगलकुथु बांध के स्पिलवे शटर खोलने का आदेश दे चुके हैं। चलाकुडी नदी के किनारे रहने वालों को शटर खोलने पर चेतावनी दी जा रही है। एनार्कुलम जिले के विभिन्न शिविरों में 150 से अधिक लोगों का पुनर्वास किया जा रहा है । अधिकारी इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि जो लोग शिविरों में हैं वे कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार रहे। --आईएएनएस एचके/आरजेएस

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